For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पीछे मेरी दुआ है |

वो आज है नही मेरी दुनिया में 

फिर भी बसती है मेरे जिया में 

लगता है आज भी याद करती है 

मुझे पाने की फ़रियाद करती है

शायद  खुश है ,जिन्दा है

क्यूंकि उसे कुछ हुआ है

वो आज जो है, जैसी है ,पीछे मेरी दुआ है |

मन करता है फिर से पाऊं उसे

दर्द भरी दुनिया से चुराऊं उसे

वो चली गयी पर कुछ कशिश तो है

चिराग न सही ,पर माचिस तो है

एहसास हो रहा है , उसने ख़त छुआ है

 वो आज जो है, जैसी है ,पीछे मेरी दुआ है |

वो लड़ना -झगड़ना बेमतलब की बातों का 

अलग आनंद था आता तब उन रातों का 

वो तेरा रूठना ,मेरा मनाना

वो छोटे से छोटे राज भी तुमको बताना  

हँसना ,हँसाना और तेरा मुस्कुराना

पर अब हुआ मालूम प्यार एक जुआ है 

 वो आज जो है, जैसी है ,पीछे मेरी दुआ है ||

*******************************************

"मौलिक व अप्रकाशित "

Views: 686

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by maharshi tripathi on February 23, 2015 at 4:45pm

आ. खुर्शीद जी रचना पर सकारात्मक प्रतिक्रिया हेतु आपका आभार |

Comment by maharshi tripathi on February 23, 2015 at 4:44pm

आ. हरी प्रकाश जी ,,,मैंने सोमेश भाई की बात पर गौर किया है ,,,कुछ संसोधन भी किये ,,,मेरे ख्याल से शब्दों को ऐसे लिखा जा सकता है ,,बाकि आप सभी का मार्गदर्शन ही सब कुछ है | 

Comment by khursheed khairadi on February 23, 2015 at 9:51am

वो आज है नही मेरी दुनिया में 

फिर भी बसती है मेरे जिया में 

लगता है आज भी याद करती है 

मुझे पाने की फ़रियाद करती है

शायद  खुश है ,जिन्दा है

क्यूंकि उसे कुछ हुआ है

वो आज जो है, जैसी है ,पीछे मेरी दुआ है |

आदरणीय महर्षि त्रिपाठी जी ,भावपूर्ण रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें |सादर |

Comment by Hari Prakash Dubey on February 23, 2015 at 2:34am

आदरणीय महिर्षि त्रिपाठी जी, ...चिराग न सही ,पर माचिस तो है

एहसास हो रहा है , उसने ख़त छुआ है....वाह , सुन्दर रचना , बधाई ! बाकी सोमेश भाई की बात पर गौर करियेगा !

Comment by maharshi tripathi on February 23, 2015 at 12:11am

आ. उषा चौधरी जी रचना पर प्यार देने हेतु आपका आभार सादर !!!! 

Comment by maharshi tripathi on February 23, 2015 at 12:10am

आ. विजयशंकर जी रचना पर बधाई हेतु  ,,,,,आपका आभार सादर !!!

Comment by Dr. Vijai Shanker on February 22, 2015 at 10:50pm
आदरणीय महिर्षि त्रिपाठी जी, बहुत बहुत बधाई आपको आपकी इस सुन्दर मनोहर स्मृतियों से भरी प्रस्तुति पर, सादर।
Comment by Usha Choudhary Sawhney on February 22, 2015 at 9:28pm

पर अब हुआ मालूम प्यार एक जुआ है 

वो आज जो है, जैसी है ,पीछे मेरी दुआ है 

आदरणीय महर्षि त्रिपाठी जी, सुन्दर रचना।  

Comment by maharshi tripathi on February 20, 2015 at 9:30pm

आ. मिथिलेश जी आपका धन्यवाद् |

Comment by maharshi tripathi on February 20, 2015 at 9:30pm

आ. सोमेश जी ,,आपकी सलाह हेतु शुक्रिया ,,,,,मुझे लगता है दुनिया भी लिखा जा सकता है ,,,और मेरे शायद आपने ठीक कहा इसे सुधार सकते हैं | आपका सादर धन्यवाद् |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
2 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
10 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
20 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
13 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
yesterday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
yesterday
आशीष यादव added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Nov 17

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service