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आपकी ग़ज़लें हमेशा वर्तमान हालात का अक्स हुआ करती हैं, छोटी बह्र में एक शानदार ग़ज़ल कही है आपने बहुत बहुत बधाई आपको
Aadarniya dharmendra Ji,
Bahut sundar gazal ki liye dil se badhai. Kuch hat kar rachna lagi. Sabdon ko bahut acchha upyog kiya hai.
Aabhar
आ० धर्मेन्द्र जी
गीता पढ़ी कुरान पढ़ा-------बह्र से बाहर लगता है i --- गीता और कुरान पढा ----हो सकता है i कृपया देखले i बाकी गजल बहुत अच्छी है i सादर i
आहूत सुन्दर रचना ,,एक एक लाइन भावपूर्ण है ,,आपको बधाई आ.धर्मेन्द्र जी |
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