For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“ यह कुकिंग गैस के, यह राशन वाले के, यह बच्चों की स्कूल फी और अभी तो बिजली का बिल आने वाला है. न जाने इस बार....” सुनीता माह का बजट बना ही रही थी कि, तपाक से घर में झाडू-पौंछा कर रही लक्ष्मीबाई पूछ बैठी..

“ बीबी जी.. आप हर माह बिजली के बिल को लेकर क्यूँ परेशान हो जाती हो..?”

“अरे!! बिजली का बिल ही तो झटके मार देता है, पूरे महीने के बजट पर. क्यूँ तुम लोग भी तो खूब टी.व्ही. पंखे चलाते हो, तुम्हे फर्क नहीं पड़ता क्या..?”

“ अरे!! बीबी जी.. टी.व्ही. पंखा ही क्या. हम तो खाना भी हीटर पर बनाते है. और तो और जाड़ों के समय उसे रूम हीटर बना लेते है. बिल की काहे की चिंता. हमें सरकार ने एक बत्ती कनेक्शन फ्री जो दे रखा है”

 

  जितेन्द्र पस्टारिया

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 782

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 16, 2015 at 11:27am

आपकी बधाई सहर्ष शिरोधार्य है आदरणीय सौरभ जी. लघुकथा पर आपकी स्नेहिल सकारात्मक प्रतिक्रिया पाकर, मन को संतोष मिला और लेखनी को मनोबल.

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 16, 2015 at 11:24am

आपकी स्नेहिल सराहना हेतु आपका आभारी हूँ, आदरणीय डा.गोपाल जी.

सादर!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 15, 2015 at 9:53pm

भाई जितेन्द्रजी, आपकी यह लघुकथा देश के ’नगरिकों’ की मानसिकता और उनकी दशा पर बढिया पक्ष प्रस्तुत कर रही है. बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. आपकी प्रस्तुतियों में गुणात्मक सुधार हुआ है. मैं आपकी लगन के लिए विशेष बधाई दूँगा.

शुभ-शुभ

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 15, 2015 at 9:39pm

जीतू जी

बहुत बढ़िया .मरण तो माध्यम वर्ग की है i

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 15, 2015 at 1:48pm

आदरणीय गिरिराज जी. लघुकथा पर आपकी उत्साहवर्धक सराहना हेतु , आपका ह्रदय से आभारी हूँ.

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 15, 2015 at 1:46pm

आदरणीया वन्दना जी. सरकार ने ऐसी कई रोजगार से सम्बंधित योजनाओं की शुरुआत की है जो कम ही सफल रहीं है अब इसे कुलमिलाकर निथल्लापन ही कह सकते है. आपकी उपस्थिति हेतु आपका आभारी हूँ.

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 15, 2015 at 1:41pm

आदरणीय मिथिलेश जी. आपकी प्रतिक्रिया पाकर लघुकथा को सार्थकता मिल गयी, आपका ह्रदय से आभारी हूँ.

सादर!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 15, 2015 at 9:37am

बहुत बढिया ,आदरणीय जितेन्द्र भाई , ऐसे सी दुरुपयोग के कारण मध्यम वर्ग परेशानी मे है । अच्छी कथा कही ! बधाई ॥

Comment by vandana on March 15, 2015 at 6:52am

सच कहा आपने ऐसी तथाकथित कल्याणकारी योजनायें बनाने से अच्छा होता कि सरकार इसी पैसे से रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाकर आत्मसम्मान से जीना सिखाती लेकिन यह फ्री की मानसिकता तो नशे व  अपराध की ओर ले जाने का काम ही करती है और निठल्लापन बढाती है 

बढ़िया लघुकथा आदरणीय जितेन्द्र जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on March 14, 2015 at 9:24pm

बेहतरीन लघुकथा .... भोगा हुआ यथार्थ ....  या यूं कहे भोग रहा हूँ..... हीटर कहीं जलते है... बिल हम भरते है ... हाय रे निजामत तेरी कारस्तानी, अब तो उजालों से भी डरते है 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
14 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service