For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सुखदा सदा सरस्वती (वृत्यानुप्रास /छेकानुप्रास)

(यहाँ प्रति दोहे में वृत्यानुप्रास है किन्तु सम्पुर्ण रचना में छेकानुप्रास है  अंतर यह है की वृत्यानुप्रास में एक ही वर्ण की पुनरावृत्ति होती है जबकि छेका में अनेक वर्णों  की )

 

गा-गाकर गौरव गिरा गरिमामय गन्धर्व

गीर्वाण गुरु, गीतिमय , गान-ज्ञान गुण गर्व I

 भक्त भगवती भारती भूरि भावमय भव्य

भावशवलता, भ्रान्तिता भ्रमित भनिति भवितव्य I 

 

वीणापाणि वरानना  वरे विदुष विद्वान

वाणी-वाणी वत्सला  वर्ण-वर्ण वरदान I

 

शुभ्र शारदा शशिप्रभा  शोभित शुभ  शतपर्ण

शरद-शुक्ल शत शर्वरी शुचि शाश्वत शितिवर्ण I

 

स्वर साम्राज्ञी सर्वप्रिय  सतरंगी सब-साज

सुखदा सदा सरस्वती  सम्मुख सुकवि समाज I

 

(मौलिक व अप्रकाशित )

Views: 1046

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 25, 2015 at 12:47pm

प्रिय सोमेश

स्नेह और आशीश  .

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 25, 2015 at 12:46pm

आ० मोहन सेठी  जी

आपका शुक्रिया . सादर .

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 25, 2015 at 12:45pm

आ० विजय सर !

स्नेह और आशीष के लिए आभार . सादर.

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 25, 2015 at 12:44pm

आ० श्याम मठपाल जी

आपका अनुगृहीत हूँ . सादर .

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 25, 2015 at 12:43pm

आ० गुमनाम जी

बहुत बहुत आभार .

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 25, 2015 at 12:43pm

आ०  सौरभ जी

स्वयं पर लज्जित . जो चीज जानता था उसी पर चूक . फिलहाल सुधार किया है.  मार्ग निर्देश के लिये  शत -शत आभार .. सादर

Comment by vijay nikore on March 25, 2015 at 12:43pm

मनभावन वंदना। आनन्द आ गया।

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 25, 2015 at 12:40pm

आ० अंजू मिश्र जी

बहुत आभार . सादर .

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 25, 2015 at 12:39pm

प्रिय निर्मल नदीम

अत्यंत आभार . स्नेह .

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 25, 2015 at 12:39pm

आ० कृष्णा मिश्र

बहुत बहुत धन्यवाद .स्नेह.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service