For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मालोपमा (उपमा अलंकार का एक भेद )

पुरवा बयार सी

मद भरे ज्वार सी   

फूलो में जवा सी

स्पर्श में हवा सी

महुआ की गंध सी

पाटल सुगंध सी

आमों की बौर सी

करौंदे की झौर सी

नीम की महक सी

पलाश की दहक सी

टूटे मोर पंख सी

पूजागृह के शंख सी

मंदिर के दीप सी

मोती भरी सीप सी

जल भरे डोल सी

विद्युत् कपोल सी

लहराते व्याल सी

दृप्त इंद्रजाल सी

पावस की धार सी

राधा के प्यार सी

पतझड़ के अंत सी

सौरभ बसंत सी

हिम के शृंगार सी

रति के दुलार सी

जीवन में आयी तुम

दृग में समाई तुम

उपमा की माल सी

कैरव की डाल सी  

आह i उन्मादिनी  !

प्रिय मधुवादिनी

स्मृति विशेष हो

अंतस् में शेष हो ---

मौलिक एवँ अप्रकाशित

Views: 1436

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 23, 2015 at 8:24pm

प्रिय कृष्णा जी

सादर आभार .

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 23, 2015 at 8:14pm

नीम की महक सी

पलाश की दहक सी

टूटे मोर पंख सी

पूजागृह के शंख सी

आह! लाजव़ाब आदरणीय आपका शब्दसंयोजन हमेशा मनमोहक आश्चर्य में डाल देता है!अभिनन्दन!

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 23, 2015 at 12:47pm

आ० मुकेश श्रीवास्तव

बहुत बहुत धन्यवाद .

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 23, 2015 at 12:46pm

आ० हरी प्रकाश जी

सादर आभार .

Comment by MUKESH SRIVASTAVA on March 23, 2015 at 12:05pm

PYAREE AUR MOHAK RACHNA KE LIYE BADHAEE

Comment by Hari Prakash Dubey on March 23, 2015 at 12:49am

आदरणीय डॉक्टर गोपाल नारायण सर , बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति है , आपकी इस रचना से एक नया ज्ञान और प्राप्त हो गया , आभार ,इस शानदार रचना पर हार्दिक बधाई, सादर!

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 22, 2015 at 10:04am

आ० वंदना जी

धन्यवाद . सादर.

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 22, 2015 at 10:04am

आ० कल्पना जी

आभार. सादर.

Comment by vandana on March 22, 2015 at 5:06am

निश्शब्द हूँ ..... आदरणीय सादर नमन 

Comment by kalpna mishra bajpai on March 22, 2015 at 2:00am

अद्भुत 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
10 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
10 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday
PHOOL SINGH added a discussion to the group धार्मिक साहित्य
Thumbnail

महर्षि वाल्मीकि

महर्षि वाल्मीकिमहर्षि वाल्मीकि का जन्ममहर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में बहुत भ्रांतियाँ मिलती है…See More
Apr 10
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी

२१२२ २१२२ग़मज़दा आँखों का पानीबोलता है बे-ज़बानीमार ही डालेगी हमकोआज उनकी सरगिरानीआपकी हर बात…See More
Apr 10

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service