शुरू है पत्नी सेवा दल मुझे हर दम बताती है
दिखा बेलन सुबह से शाम तक मुझको डराती है
बदन में दर्द हो उसके करो तुम तेल से मालिश
रहेगी खुश सदा तुमसे लगाओ जब उसे पालिश
सुबह पूजा करो उसकी न है अब वो चरण दासी
अगर ऐसा न कर पाये मिले भोजन तुम्हें बासी
बनाना रोज वो मुझका नया एक डिस सिखाती है
शुरू है पत्नी सेवा दल मुझे हर दम बताती है
दिखा बेलन सुबह से शाम तक मुझको डराती है
अगर उसके कभी भाई चले आये तुम्हारे घर
न हटना तुम कभी पीछे करो सेवा मिलेगा वर
किसी से सीख लेना तुम पडे़ बतर्न धुलें कैसे
सभी कपडे़ धुलो अब तुम खटो गदहे खटे जैसे
मुझे वो प्यार करने की कह बातें रूलाती है
शुरू है पत्नी सेवा दल मुझे हर दम बताती है
दिखा बेलन सुबह से शाम तक मुझको डराती है
सजे बारात तारों की चले आना घरो को तुम
समय पे घर नहीं आये समझ लेना हुई वो गुम
करे जो माग तुमसे वो कभी भी ना नहीं करना
भरे हो माँग उसकी तुम हमेशा याद ये रखना
बिना नारी अधूरा नर मुझे कह कर सताती है
शुरू है पत्नी सेवा दल मुझे हर दम बताती है
दिखा बेलन सुबह से शाम तक मुझको डराती है
मौलिक एवं अप्रकाशित
अखंड गहमरी
Comment
वाह गहमरी जी
हास्य की अचछी छौंक लगाई .
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