For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अक़्ल पे यकीन नहीं रह गया दोस्तों ---डा० विजय शंकर

पहली अप्रेल की भेंट

अब तो अक़्ल पे यकीन नहीं रह गया दोस्तों ,
आप ही बताएं अक़्ल बड़ी या भैंस दोस्तों ॥
आप कहेंगें अक़्ल बड़े काम की चीज है
मैं कहूँगा, अक़्ल से काम लो , अक़्ल
किसी काम की चीज नहीं है दोस्तों ॥
अक़्ल हमेशा भैंस से मात खा जाती है ,
सामना भैंस से हो तो गुम हो जाती है ॥
अक़्ल अपनी हिफाज़त ही नहीं कर पाती है
भैंस उसे देखते देखते ही चर जाती है ॥
अक़्ल कुछ देती है , पक्का मालूम नहीं ,
भैंस अक्सर दूध देती तो है दोस्तों ॥
भैंस का दूध पीने से ताकत आती है ,
ताकत वाले की लाठी चलती है दोस्तों॥
जिसकी लाठी उसकी भैंस होती है दोस्तों
भैस वालों की ही लाठी चलती है दोस्तों ||
अक़्लवर्द्धन हेतु भैंस के दूध की जरुरत होती है ,
भैंस को अक़्ल की जरुरत नहीं होती है दोस्तों ॥
अक़्ल की कहीं कोई कीमत नहीं लगाता है
भैंस के दूध के दाम बढ़ते रहते हैं दोस्तों ॥
अक़्ल का कहीं कोई खरीदार नहीं मिलता है
भैंसों के लिए बड़ी मारामारी है दोस्तों॥
अब भी यही कहते हो कि अक़्ल बड़ी चीज है तो
अपने को लुटने से पिटने से बचा के दिखा दो ॥
भैंस होगी पास तो मुसीबत फटकेगी नहीं पास
आराम से कटेगी , हड़क के साथ रहोगे दोस्तों ॥
अक़्ल की बात भूले से भी मत करना , मारे जाओगे ,
भैंस होगी पास , औरों को हड़का के रहोगे दोस्तों ॥


मौलिक एवं अप्रकाशित.
डा० विजय शंकर

Views: 656

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on April 2, 2015 at 10:35pm
प्रिय कृष्ण मिश्रा जी , रचना के मूल को उभारने के लिए आपका बहुत बहुत आभार , आपकी बधाइयों के लिए ह्रदय से धन्यवाद , सादर।
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on April 2, 2015 at 9:50pm

कमाल की रचना! लाजवाब आज के समाज पे तगड़ा व्यंग्य! हार्दिक बधाईयां आदरणीय!

Comment by Dr. Vijai Shanker on April 2, 2015 at 4:15pm
आदरणीय महिमा श्री जी , प्रस्तुति की स्वीकृति के लिए आपका आभार एवं बधाई के लिये धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on April 2, 2015 at 4:13pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी , प्रस्तुति की स्वीकृति के लिए आभार , बधाई के लिये धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on April 2, 2015 at 4:11pm
प्रिय जीतेन्द्र जी , बात आपकी बिलकुल सही है। प्रतिक्रिया के लिए आभार , बधाई के लिये धन्यवाद सादर।
Comment by MAHIMA SHREE on April 2, 2015 at 3:01pm

अक़्लवर्द्धन हेतु भैंस के दूध की जरुरत होती है ,
भैंस को अक़्ल की जरुरत नहीं होती है दोस्तों ॥...हाहााहा... बहुत खूब बधाई आपको


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 2, 2015 at 1:31pm

आदरनीय विजय भाई , अक़्ल बड़ी या भैंस को आपने बहुत अनोखे ढंग से पेश किया है , हार्दिक बधाई ॥

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 2, 2015 at 10:29am

बहुत सुंदर, सर. बहुत बढ़िया व्यंग. अपनी-अपनी जगह दोनों ही बड़े है भैस भी और अक्ल भी

Comment by Dr. Vijai Shanker on April 2, 2015 at 8:13am
आदरणीय मोहन सेठी जी, आपकी स्वीकृति के लिए आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 2, 2015 at 5:37am

पहली अप्रैल को तो भैंस ही बड़ी है जनाब ....सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"सादर अभिवादन।"
5 minutes ago
Sushil Sarna commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आदरणीय रामबली जी बहुत सुंदर और सार्थक प्रस्तुति हुई है । हार्दिक बधाई सर"
15 hours ago
Admin posted discussions
18 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"रिश्तों की महत्ता और उनकी मुलामियत पर सुन्दर दोहे प्रस्तुत हुए हैं, आदरणीय सुशील सरना…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, बहुत खूब, बहुत खूब ! सार्थक दोहे हुए हैं, जिनका शाब्दिक विन्यास दोहों के…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आदरणीय सुशील सरना जी, प्रस्तुति पर आने और मेरा उत्साहवर्द्धन करने के लिए आपका आभारी…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आदरणीय भाई रामबली गुप्ता जी, आपसे दूरभाष के माध्यम से हुई बातचीत से मन बहुत प्रसन्न हुआ था।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आदरणीय समर साहेब,  इन कुछेक वर्षों में बहुत कुछ बदल गया है। प्रत्येक शरीर की अपनी सीमाएँ होती…"
yesterday
Samar kabeer commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"भाई रामबली गुप्ता जी आदाब, बहुत अच्छे कुण्डलिया छंद लिखे आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।"
yesterday
AMAN SINHA posted blog posts
Wednesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . विविध

दोहा पंचक. . . विविधदेख उजाला भोर का, डर कर भागी रात । कहीं उजागर रात की, हो ना जाए बात ।।गुलदानों…See More
Wednesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service