For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अंधी ममता ( लघु कथा )

" क्यों बेवजह सुबह सुबह बेटे पर चिल्ला रहे हो ।बच्चा ही तो है ।आपको भी बस बहाना चाहिए डाँटने का ।जैसे खुद से तो कभी गलती...।" मैं पूर्ण आवेग से पति से भीड़ गई थी ।
" बस बस बहुत हो गया ।चुप भी करो । या छुट्टी का पूरा दिन ख़राब करके ही मानोगी ।जैसे मैं तो उसका बाप हूँ ही नहीं।तुम्हारी तरह मैं भी ममता में अँधा हो जाऊँ तो बस ...।"
" करते रहो गुस्सा हुम् ....। आखिर एक माँ पत्नी से कैसे हार सकती है ? "
==========≠======
मौलिक एवम् अप्रकाशित

Views: 419

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by shashi bansal goyal on May 16, 2015 at 9:29am
आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी अभिभूत हूँ कि आपने मेरे प्रयास को सराहा ।विश्वास है सदा आप मुझे ऐसे ही प्रोत्साहित और मार्गदर्शित करते रहेंगे । सादर आभार आपका।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 15, 2015 at 12:02am

अक्सर पत्नी माँ से नहीं हारती.. या जल्दी नहीं हारती. :-))
मनोदशा का बढिया चित्रण हुआ है. हार्दिक बधाइयाँ

Comment by shashi bansal goyal on May 12, 2015 at 12:10pm
आo मिथिलेश वामनकर जी हृदय तल से आभारी हूँ ।कृपया ऐसे ही मार्गदर्शित करते रहिये ।
Comment by shashi bansal goyal on May 12, 2015 at 12:09pm
शुभकामनाओं हेतु हृदय तल से आभार आo विनय कुमार जी ।
Comment by shashi bansal goyal on May 12, 2015 at 12:06pm
हार्दिक आभार आo जीतेन्द्र जी ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 12, 2015 at 4:07am

बहुत सुन्दर प्रस्तुति,

लघुकथा में स्त्री के दो रूपों को जिस खूबसूरती से उभारा है कि बस मुग्ध हूँ आपकी रचना पर.

दिल को छू गई ये प्रस्तुति 

आपको इस प्रस्तुति पर बहुत बहुत बधाई आदरणीया शशि जी 

Comment by विनय कुमार on May 12, 2015 at 1:00am

सुन्दर प्रस्तुतीकरण पर बधाई स्वीकारें..

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 12, 2015 at 12:38am

सुंदर प्रस्तुति,आदरणीया शशि जी. बधाई आपको.

Comment by shashi bansal goyal on May 11, 2015 at 11:43pm
हार्दिक आभार एवं धन्यवाद रचना को समय देने एवं प्रोत्साहित करने हेतु आदरणीय विजय शंकर जी ।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 11, 2015 at 10:37pm
चित्रण तो सही है, प्रस्तुति पर बधाई, आदरणीय सुश्री शशी बंसल जी , सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरनीय लक्ष्मण भाई  , रिश्तों पर सार्थक दोहों की रचना के लिए बधाई "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  भाई  , विरह पर रचे आपके दोहे अच्छे  लगे ,  रचना  के लिए आपको…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई चेतन जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक धन्यवाद।  मतले के उला के बारे में…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए आभार।"
1 hour ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  सरना साहब,  दोहा छंद में अच्छा विरह वर्णन किया, आपने, किन्तु  कुछ …"
4 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ.आ आ. भाई लक्ष्मण धामी मुसाफिर.आपकी ग़ज़ल के मतला का ऊला, बेबह्र है, देखिएगा !"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service