सुनो ...प्यार बड़ी चीज़ है
सबके काम आता है ये
डूबतों का तिनका
दुखियों का सहारा है ये
रोते हुओं के आँसू पोंछ
टूटे हुए दिलों को जोड़ जाता है ये
रूठों को मना लाता है
रिश्तों को शहद बनाता है ये
'इंतज़ार' कम ही लोगों को
करना आता है ये
इसकी तहज़ीब सीख लीजिये
वर्ना सोने वालों की
नीद उड़ा ले जाता है ये
उमंगों को भड़का
ज़िंदगी का मकसद बन जाता है ये
सुनो ...एहसासों का बुलबुला है ये
कांटा लगा ......तो
हवा हो जाता है ये !!
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मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आदरणीय Hari Prakash Dubey जी हार्दिक आभार ! सादर
आदरणीय Samar kabeer जी बहुत बहुत शुक्रिया जनाब ...सादर
आदरणीय मोहन सेठी जी, सुन्दर प्रयास , बधाई आपको इस रचना पर ! सादर
आदरणीय shree suneel जी हार्दिक अभिनंदन एवं आभार ...सादर
अदानिया kanta roy जी हार्दिक आभार ...आपने कविता के अंत में मुख्य भाव को पकड़ा अच्छा लगा ...सादर
एहसासों का बुलबुला है ये !..कांटा लगा तो हवा हो जाता है ये !
आदरणीय krishna mishra 'jaan'gorakhpuri जी धन्यवाद ...जी बिलकुल सही कहा अब कलम को पत्थर पे रगड़ कर थोड़ा तेज करना पड़ेगा ...होगा के नहीं ....पता नहीं ...सादर
आदरणीय Dr. Vijai Shanker जी हार्दिक आभार ...सादर
आदरणीय जितेन्द्र पस्टारिया जी आप की उपस्थिति और पसन्दगी के लिये हार्दिक आभार ...सादर
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