“जज साहब, पहले ही मैं उस पहिये के नटबोल्ट टाईट करके रखता तो आज तलाक तक नौबत नहीं आती और गाड़ी सही चलती.. गलती मेरी ही है” “तुम पेशे से मकेनिक हो क्या”?जजसाहब ने चुटकी ली| “जी साहब,मेरा गैरेज है”|
अगला केस ...
“आपको ये तो पता ही होगा मैडम कि पति पत्नी गाड़ी के दो पहियों के समान”...”जी जी अच्छे से पता है पर जंग लगे स्क्रू फिट हों पहिये में तो धोखा तो देंगे ही न!! पहले ही उसके स्क्रू टेस्ट कर लेती तो आज नौबत तलाक तक न पँहुचती और जब पहिया कंडम हो जाता है तो बदलना भी पड़ता है” जज साहब की बात बीच में ही काट कर वो तीखे स्वर में बोली|
“आज का तो साला दिन ही खराब है जो भी केस आये बस पहिये...स्स सॉरी घर तोड़ने के ” “चलो कहीं बाहर घूम के आते हैं” पति को बुदबुदाते सुनकर मीना ने कहा|
यस गुड आइडिया जज साहब ने कहा और गाड़ी लेकर निकल पड़े|
“क्या हुआ अचानक गाड़ी क्यूँ रोक दी”? “पहिये को चेक कर रहा हूँ ठीक ठाक है या नहीं”|
“हाँ स्क्रू भी चेक कर लीजिये कहीं जंग तो .....”चूप्प्प....”
मौलिक और अप्रकाशित
Comment
आ० सौरभ जी, रचना के मर्म को पकड़ कर दी गई आपकी प्रतिक्रिया के प्रति बहुत शुक्रगुजार हूँ दिल से आभार |
कहा है आपने ये व्यंग्य रचना है. मुझे तो बड़ी गंभीर लगी, आदरणीया राजेश कुमारीजी.
:-))
कृष्ण मिश्रा भैया ,आपको लघु कथा पसंद आई दिल से बहुत बहुत आभार
वाह आ० गजब का व्यंग हुआ है!अभिनन्दन!
आ० राजकुमार आहूजा जी ,आपका बहुत बहुत शुक्रिया |
पहिया और स्क्रू ...! वाह , क्या व्यंग है ! बधाई हो माननीया राजेश कुमारी जी !
बहुत- बहुत शुक्रिया विनय कुमार जी .
अच्छा पहिये और नट बोल्ट में उलझा दिया आपने , बढ़िया व्यंग आदरणीया राजेश कुमारी जी ..
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