For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आरती उतारूँ क्या?(छोटी बह्र की ग़ज़ल 'राज')

२१२ १२२ २

गली गली बुहारूँ क्या?

नालियाँ निथारूँ क्या ?

काम छोड़ कर अब मैं 

रास्ता निहारूँ क्या?

 

आसमां से उतरे हो  

आरती उतारूँ क्या?

 

धूल लग गई शायद

पाँव  भी पखारूँ क्या?

 

देखना है  चेह्रा  अब     

आईना सँवारूँ क्या?

 

लाए कुछ नए जुमले   

शब्द मैं सुधारूँ क्या? 

 

धूप लग रही क्या जी

अब्र को पुकारूँ क्या?

 

वोट मांगने आये 

पांच साल वारूँ क्या?  

 

स्याह क्यूँ हुई रंगत   

बोलिए निखारूँ क्या?

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 785

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 8, 2015 at 9:10pm

आ० सौरभ जी, इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु तहे दिल से आभार आपको ग़ज़ल पसंद आई मेरा लिखना सफल हुआ|  


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 8, 2015 at 6:38pm

बहुत खूब ! हार्दिक शुभकामनाएँ आदरणीया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 3, 2015 at 9:43am

प्रिय महिमा श्री,आपका बहुत बहुत शुक्रिया.  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 3, 2015 at 9:42am

आ० श्री सुनील जी ,आपको ग़ज़ल पसंद आई तहे दिल से आभार आपका. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 3, 2015 at 9:41am

आ० डॉ० गोपाल भाई जी ,इस उत्साह वर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ सादर.  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 3, 2015 at 9:40am

आ० जवाहर लाल सिंह जी ,आपका तहे दिल से शुक्रिया |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 3, 2015 at 9:39am

आ० डॉ० आशुतोष मिश्रा जी,ये ग़ज़ल आपको प्रभावित की मेरा लिखना सार्थक हुआ आपकी प्रतिक्रिया तोषकारी होने के साथ उत्साह वर्धक भी है जिसके लिए आपका लख- लख आभार.   


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 3, 2015 at 9:37am

महर्षि त्रिपाठी जी ,ग़ज़ल आपको पसंद आई दिल से बहुत बहुत शुक्रिया 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 3, 2015 at 9:36am

मिथिलेश भैया ,आपको ये छोटी बह्र पर व्यंगात्मक ग़ज़ल पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ दिल से आभारी हूँ अब कुछ संशोधन किया है एक बार और विचार व्यक्त करें |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 3, 2015 at 9:34am

आ० कांता रॉय जी ,इस व्यंगात्मक ग़ज़ल का लुत्फ़  उठाया आपने बहुत- बहुत शुक्रिया मेरा लिखना सफल हुआ हार्दिक आभार |.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post भादों की बारिश
"यह लघु कविता नहींहै। हाँ, क्षणिका हो सकती थी, जो नहीं हो पाई !"
15 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

भादों की बारिश

भादों की बारिश(लघु कविता)***************लाँघ कर पर्वतमालाएं पार करसागर की सर्पीली लहरेंमैदानों में…See More
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान ।मुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।। छोटी-छोटी बात पर, होने लगे…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service