For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बस इतनी सी मेहर रखना/लक्ष्य “अंदाज़

    बस इतनी सी मेहर रखना

  -------------------------------------

      (लक्ष्य “अंदाज़”)

हम फकीरों से घर की उम्मीद न इधर करना !

ढल जाये शाम तो दरख्त तले भी बसर करना !!

राहे-उल्फत में तुम हवा के परों पर सवार हो ,

अहले-ज़मीं हैं हम ,बस सड़क पे सफ़र करना !!

फूल मुहब्बत के तारीखे-शुआओं से जल गए ,

कोंपलों की आस में अब भी क्यूँ शज़र रखना !!

तुम्हारी हर दुआ कुबूल है उस इलाही के दर ,

दुआओं में याद रखना बस इतनी मेहर रखना !!

रिसाले की दुनिया में यूँ तो जी लिए “अंदाज़”,

पर लाजिमी था आपकी बेरुखी का असर करना !!

कश्ती जब साहिलों से जा मिले  खबर करना !!

हमको तो अब आलमे-तन्हाई में गुजर करना !!

मौलिक एवं अप्रकाशित

……© Dr.L.K. SHARMA

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Views: 545

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 16, 2015 at 5:36am

आदरणीय लक्ष्मी कांत भाई , आपने विधा का नाम नही दिया  है तो इसी विधा के लिहाज़ आपकी रचना पढ़ी नही जा सकती । भाव बहुत अच्छे हैं आपकी द्विपदियों के , गेयता और शब्द संयोजन मे कमी ज़रूर है । आपको दिल से बधाइयाँ रचना के लिये । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on July 16, 2015 at 3:48am

आदरणीय डॉ लक्ष्मीकांत जी, आपकी किसी पहली रचना से गुजर रहा हूँ. प्रत्येक पंक्ति सुन्दर भावों से सजी है. बहुत सुन्दर रचना हुई है. आदरणीया राजेश दीदी के सुझाव पर अवश्य ध्यान दीजियेगा. इस प्रस्तुति पर ढेर सारी बधाई और शुभकामनायें ,,,,सादर 

Comment by kanta roy on July 15, 2015 at 12:05pm
बहुत सुंदर अंदाज़ हुआ है आदरणीय डा. लक्ष्मीकांत शर्मा जी ..... बधाई

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 15, 2015 at 10:29am

सुन्दर प्रस्तुति है इसे ग़ज़ल में ढाल कर लिखेंगे  तो सोने पे सुहागा हो जाएगा बहरहाल दाद क़ुबूल कीजिये डॉ० लक्ष्मी कांत जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"योग ****    छोटी छोटी बच्चियाँ, हैं भविष्य की आस  शिक्षा लेतीं आधुनिक, करतीं…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय"
11 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय  निलेश जी अच्छी ग़ज़ल हुई है, सादर बधाई इस ग़ज़ल के लिए।  "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि शुक्ल भैया,आपका अलग सा लहजा बहुत खूब है, सादर बधाई आपको। अच्छी ग़ज़ल हुई है।"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
Tuesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
Monday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service