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यादों को मंजूर नहीं है तेरा यूँ आना जाना

तुम मेरे हो या कोई पराये
निश्चित तो कर लेने दो
मेरी सूखी आँखों में
कुछ पानी तो भर लेने दो
या तो आकर ठहर ही जाओ
या फिर दूर चले जाओ
यादों को मंजूर नहीं है
तेरा यूँ आना जाना

उमेश कटारा
मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by Samar kabeer on July 20, 2015 at 2:36pm
जनाब उमेश कटारा जी,आदाब,सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Rahul Dangi Panchal on July 19, 2015 at 4:28pm
सुन्दर
Comment by मनोज अहसास on July 19, 2015 at 11:00am
नमस्कार सर
इसे थोडा और बढ़ा लीजिये
एक भाग ये है
दो भाग और जोड़ दीजिये
सादर

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