For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तरक्की [ लघु कथा ]

"'अरे छोरा छोरी आ जाओ  देखो कित्ती सारी चीज़ें मिली हैं आज..."कम्मो भिखारन अपनी जर्जर झुग्गी में कदम रखते हुए चिल्लाई

तीनों बच्चों ने उसे घेर लिया.

"सारा दिन बगल में टीवी देखना है बस्स ..माँ भीख मांगती फिरे ...., वो आज झंडे वाला दिन है ना , देखो क्या क्या मिला है ....लड्डू ,पूड़ी नमकीन ....."कम्मो झोले में से खाने के सामान की छोटी छोटी पौलीथीन की थैलियाँ निकालने  लगी .

कचरे से मिले एंड्राइड फोन के कवर पर हाथ फिराता, बारह साल का पप्पू बोला "अम्मा, तू धीरे धीरे ,एक एक करके झोले से थैलियाँ निकालना.. , और हम सब बोलेंगे ...और दिखाओ ...और दिखाओ ....."

बगल की झुग्गी में टीवी में चल रहा नेता जी का भाषण सारी झुग्गियों में गूँज रहा था . "हम तरक्की को हर घर ,हर झुग्गी तक पहुंचाएंगे . ....."

और बारिश से ठहने की कगार पर खड़ी कम्मो की झुग्गी के अन्दर चीथड़ों में सजी तरक्की पूरे जोश से नाच रही थी ...और दिखाओ. और दिखाओ ...... 

 

 मौलिक व् अप्रकाशित

 

Views: 857

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Seema Singh on August 20, 2015 at 4:45pm
स्तब्ध कर देती कथा के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ प्रतिभा जी ।
Comment by Archana Tripathi on August 16, 2015 at 12:46am
अत्यंत प्रभावपूर्ण लघुकथा ।हार्दिक बधाई आपको ।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 15, 2015 at 7:19pm

अच्छा व्यंग उकेरा है . बधाई .

Comment by kanta roy on August 15, 2015 at 8:01am
तीर की तरह ही कलेजे के पार लगी है ये आपकी लघुकथा । बेहद प्रभावी हुई है तरक्की - तरक्की का नाच । तहेदिल से बधाई स्वीकार करें आप आदरणीया प्रतिभा जी ।
Comment by pratibha pande on August 13, 2015 at 6:15pm

आ० वीरेन्द्र  जी ,कथा की सराहना के लिए आपका आभार    

Comment by pratibha pande on August 13, 2015 at 6:11pm

कथा पर सार्थक टिपण्णी के लिए आपका आभार आ० तेजवीर सिंह जी

Comment by pratibha pande on August 13, 2015 at 6:09pm

आ० ओमप्रकाश जी ,आपने  कथा पर आकर मेरा उत्साहवर्धन किया ,मै हृदय से आभारी हूँ

Comment by pratibha pande on August 13, 2015 at 6:05pm

उत्साहवर्धन के लिए आपका आभार आ० सुलभ जी

Comment by pratibha pande on August 13, 2015 at 6:03pm

आ० मिथिलेश जी ,उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार

Comment by pratibha pande on August 13, 2015 at 5:58pm

कथा पर आने और सराहना के लिए आपका ह्रदय से आभार आ० मनोज जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
56 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
59 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
14 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
14 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"रचना भावपूर्ण है,पर पात्राधिक्य से कथ्य बोझिल हुआ लगता है।कसावट और बारीक बनावट वांछित है। भाषा…"
14 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदरणीय शेख उस्मानी साहिब जी प्रयास पर  आपकी  अमूल्य प्रतिक्रिया ने उसे समृद्ध किया ।…"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदाब। इस बहुत ही दिलचस्प और गंभीर भी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब।  ऐसे…"
15 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"जेठांश "क्या?" "नहीं समझा?" "नहीं तो।" "तो सुन।तू छोटा है,मैं…"
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
20 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
23 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service