1.
तू मेरा हमसफ़र है
दुनिया को तो क्या
तुझे ही पता नहीं.
2.
अबकी सुबह
होगा तेरा दीदार
सोचता तो रोज ही हूँ
3.
माँगा था उसे
इबादत की तरह
सुना है इबादत
कभी बेकार नहीं जाती
4. बड़ी शिद्द्त के बाद
तेरा सामना हुआ
तू तो उम्मीद से आगे
खूबसूरत निकला
5. चलो छोड़ो बहुत हो गया
कोई भला इतनी देर के लिए
भी रूठता है क्या !
6. अजनबी जैसी बातें करके
अजनबी होने का अभिनय
इतना आसान नहीं है .
7.
पाया था उसे
पूजा के प्रसाद की तरह
उस प्रसाद में जहर
किसने मिलाया .
8.
उन्होंने कह दिया
हमें याद मत करना
कहने से क्या होता है
यह बस में है क्या
9.
कहते हैं रात के साथ बात भी चली जाती है
क्या हर रात के साथ
यही होता है
10.
तुम नहीं थी
तब भी हम थे
पर उस और इस होने में तो
फर्क है न .
11.
मन कहता है
मिलन तय है
कुछ कदम चल कर तो देखो
12.
निगाहों से निगाहों को बात करने दो
खूबसूरत इन पलों को, यूँ ही सिमटने दो
पलकों पे पलकों को दरकने दो
रुके हुए पलों को यहीं , ठहरने दो
स्वप्न है , या है कोई हकीकत
कुदरत के इस करिश्में पर यकीन करने दो .
बड़ी मुश्किल से घटते हैं दिलों के फासले
दिल से दिल का रिश्ता हसीन बनने दो.
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा
Comment
सुन्दर भाव। बधाई।
खूब सुन्दर क्षणिकाएं ! . इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई
आदरणीय सुरेन्द्र जी, बहुत बढ़िया क्षणिकाएं प्रस्तुत हुई है. इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online