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डाकखाने का डाक बाबू 

जब अपनी साइकिल पर
चिट्ठियों का थैला लेकर
गाँव की गलियों में आता
तो घर की चौखट पर
अधखुले दरवाजे के पीछे
घूँघट की ओट से दो आँखे
डाक बाबू की राह तकती

आज तो उसके नाम कि भी
जरूर कोई डाक होगी
पुकारेगा डाक बाबू
आज उसका नाम
बलम परदेसी ने
कोई चिट्ठी भेजी होगी

उम्मीद का चिराग
बुझ जाता हैं
जब डाकबाबू दरवाजा
पार करके दूसरी चौखट
पर पहुँच जाता हैं

खटाक से वो अधखुला दरवाजा 

फिर बंद हो जाता हैं

कल फिर चौखट पर
घूँघट के पीछे छुपी
दो जोड़ी आँखे
राह तकेंगी डाक बाबू की
कल फिर इन्तजार होगा
बरस से तरसाने वाली
एक निगोड़ी चिट्ठी का

.

"मौलिक तथा अप्रकाशित" 
रजनी गोसाईं

Views: 511

Comment

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Comment by Rajni Gosain on September 24, 2015 at 5:23pm

कविता का गहनता से अवलोकन करने  तथा प्रोत्साहित करती टिप्पणी के  लिए तहे दिल से आभार आदरणीय कांता रॉय जी 

Comment by kanta roy on September 24, 2015 at 1:30pm
दो जोडी़ आँखें राह तकेंगी .... बहुत ही सुंदर हुआ है ये राह का तकना । डाक बाबू अब आॅफिसियल चिठ्ठी ही लाते है । आँखों में शर्म की लाल डोरी लिये ,उन्हीं से अपने प्रियतम की चिठ्ठी बँचवाना । हाँ ,वो भी एक जमाना हुआ करता था सुहाना । बहुत ही सुंदर रचना हुई है आदरणीया रजनी जी । बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Rajni Gosain on September 24, 2015 at 12:13pm

आदरणीय प्रतिभा पाण्डेय  जी प्रोत्साहन तथा सराहना के लिए  हार्दिक आभार 

Comment by Rajni Gosain on September 24, 2015 at 12:10pm

कविता पर आगमन तथा सराहना के लिए हार्दिक आभार आदरणीय डा. गोपाल नारायन  श्रीवास्तव जी 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 23, 2015 at 8:41pm

कुछ पुरानी फिल्मे जेहन में उभर आयीं  आपने अवचेतन को जगा सा दिया.

Comment by pratibha pande on September 23, 2015 at 5:46pm

आदरणीय रजनी जी , सुन्दर रचना के लिए तहे दिल से बधाई स्वीकार करें ,  

Comment by Rajni Gosain on September 22, 2015 at 6:47pm

आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी कविता का अवलोकन तथा प्रोत्साहित करने के लिए आपका ह्रदय से आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on September 22, 2015 at 5:10pm

आदरणीया रजनी जी, बहुत सुन्दर प्रस्तुति है. आज के ई मेल युग में खो गई चिट्ठियों और डाकबाबू की प्रतीक्षा को फिर से जीवंत कर दिया. आपकी किसी पहली प्रस्तुति से गुजरते हुए एक नयेपन का अहसास सुखद है. आपका मंच पर स्वागत है. इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.

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