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भाषा क्या है ?

चेतन प्राणियों में

वैचारिक अभिव्यक्ति का साधन

भाषा होती होगी

पशु-पक्षियों की भी

बस उसे हम समझते नहीं

जैसे विश्व की तमाम भाषाये

बाहर है

ह्मारी समझ की परिधि से

पर भाषा महत्वपूर्ण इसलिए नहीं है

कि उससे मनोभावों की तरह ही

संप्रेषित होते है विचार

भाषा का महत्त्व और उसकी ताकत

लोक मानस के बीच का वह राग भी है

वह अंतर्संबंध भी है 

जिसका जन्म होता है उसी भाषा से

जिससे होता है

भावों एवं विचारों का

सम्प्रेषण

(मौलिक व् अप्रकाशित )

   

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Comment

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 13, 2016 at 11:41am

भाषा से पहले संकेत या अभिनय का जन्म हुआ होगा | प्रारम्भ में बच्चा रो कर अपने भूख का तो माँ भी बच्चें के हाव भाव से उसकी इच्छ जान लेती है | ऐसे ही मूक  प्राणी भी काम  चलाते है | भाव समझने के लिए बने अक्षरों से भाषा भी विचारों का सम्प्रेष्ण ही है जिसका विकास विभिन्न देशों में वहाँ की तत्कालीन पपरिश्थितियों, वातावरण और प्रादुर्भाव करने वाले के अनुसार रचना हुई है | 

आपका यह कथन सही है कि -

भाषा का महत्त्व और उसकी ताकत

लोक मानस के बीच का वह राग भी है   

वह अंतर्संबंध भी है 

जिसका जन्म होता है उसी भाषा से  -- बधाई आपको आदरणीय डॉ,गोपाल नारायण  जी | सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 12, 2016 at 4:11pm

आदरणीय बड़े भाई गोपाल जी , बहुत सही बात कही आपने ,

भाषा का महत्त्व और उसकी ताकत

लोक मानस के बीच का वह राग भी है   

वह अंतर्संबंध भी है 

जिसका जन्म होता है उसी भाषा से  -- बधाई आपको ।

--- 

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 11, 2016 at 6:37pm
किसी भी भाषा का उद्भव उसकी भौगोलिक परिस्थितियों में ही होता है , उसका विकास विभिन्न परिस्थितियों में होता है , जिसमें व्यापार , युद्ध , पर्यटन जैसे संचार भी शामिल हैं। हाँ , पारस्परिक संपर्क एक महत्वपूर्ण पहलू है , भाषाओं के विकास का। पारस्परिक निकटता इसी लिए भिन्न भिन्न भाषाओं में न्यूनाधिक साम्यता रखती है।
आपको एक बहुत अच्छी प्रस्तुति के लिए बधाई , आदरणीय डॉ o गोपाल नारायण जी , सादर।

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