For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरे घर के बगल कौन है ?

मेरे घर के बगल कौन है ?

सन्त महाजन या आतंकी

मंथन आओ कर लें प्यारे

भूख है हम को कितनी धन की ,,,

-------------------------------------

प्रेम क्रोध या घृणा ईर्ष्या

जांचो परखो क्या कुछ  देते

मारो-काटो ले लो बदला ??

जीवन क्षण भंगुर कर देते ..

-----------------------------------

मानव योनि है दुष्कर पाए

संस्कार भारत भू आये

अच्छा -अच्छाई आ चुन लें

घर आँगन से नीव ये रख लें ..

------------------------------------

मात-पिता सन्तति मन झांकें

सखा भाव रख मन को आंकें

कौन कोयला- हीरा परखें 

बनें जौहरी सदा तराशें  ...

-----------------------------------

अन्धकार जब बंद द्वार हों

निरखें आओ भरें उजाला

नफरत घृणा अकेलेपन को

दूर करें रख भाई चारा ..

-----------------------------------

बारूदों विस्फोट में जल-जल

क्यों मरते घुट जलते तिल-तिल

ज्वालाओं से जल सब हारा

खो अपना जग कौन है जीता ...

--------------------------------------------

"मौलिक व अप्रकाशित"

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५

कुल्लू हिमाचल भारत

२५-जनवरी -२०१६

Views: 632

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on February 2, 2016 at 2:15am

सुन्दर प्रयास है आ. सुरेन्द्र कुमार शुक्ल जी ,बधाई आपको इस रचना पर !

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on January 29, 2016 at 7:25pm

आदरणीया डॉ प्राची  जी प्रोत्साहन हेतु आभार रचना के भाव आप को अच्छे लगे सुन हर्ष हुआ शिल्प में मेहनत
की कोशिश होगी कभी वक्त मिले तो कुछ पंक्तियों में सुधार  सुझाएं स्वागत होगा जय श्री राधे
भ्रमर ५

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on January 29, 2016 at 7:23pm

सतविंदर जी प्रोत्साहन हेतु आभार रचना के भाव आप को अच्छे लगे सुन हर्ष हुआ
भ्रमर ५

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on January 29, 2016 at 2:58pm
सुन्दरम्।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 29, 2016 at 12:49pm
सुन्दर भाव है प्रस्तुति के, लेकिन शिल्प अभी थोडा सा कमज़ोर लगा
अभिव्यक्ति पर बधाई प्रेषित है आ0 सुरेन्द्र शुक्ल जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
20 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
yesterday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"क्या बात है! ये लघुकथा तो सीधी सादी लगती है, लेकिन अंदर का 'चटाक' इतना जोरदार है कि कान…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service