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आदरणीय रवि प्रकाश जी वाह वाह कितनी सुन्दर ग़ज़ल कही है आपने गजल के शिल्प पर शुद्ध हिन्दी भाषा में कथ्य प्रस्तुत किया है । अदभुत
50 लोग पढ़ कर गये किन्तु किसी ने भी कोई टिप्पणी नहीं की आश्चर्य है ।
बहुत ही सुन्दर शब्द रचना और भाव भी सहज संप्रेषित होते हुए । आपकी रचना बहुत पसंद आई बहुत बहुत धन्यवाद
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