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प्यार में तुम मेरे ऐवों को दिखाया न करो|
आईना बन के कभी सामने आया न करो|
फ़ितनागर लोग ज़माने में बहुत देखें हैं,
हर किसी को कभी अब दोस्त बनाया न करो|
जाग उठाते हैं मेरे मन में सवालात कई,
हर किसी दर पे कभी सर को झुकाया न करो|
जिनकी ताबीर न मुमकिन हो कभी जीवन में,
ऐसे सपने कभी आँखों में सजाया न करो|
एक दिन देखना छिड़केंगे नमक ज़ख्मों पर,
ज़ख्म अपने कभी अपनों को दिखाया न करो|
जान दे देंगे कभी ‘मिंटू’ तेरी यादों में,
ख़्वाब झूठे मुझे भूले से दिखाया न करो|
मौलिक व अप्रकाशित
बैजनाथ शर्मा ‘मिंटू’
Comment
आदरणीय गिरिराज साहेब ..................हौसला अफजाई के लिए शुक्रगुजार हूँ आपका
आदरणीय बैज नाथ भाई , अच्छी गज़ल कही है , दिल से बधाइयाँ आपको ।
आदरणीया कल्पना जी .........................बहुत बहुत शुक्रिया आपका
आदरणीया कांता जी ......................ममनून हूँ आपका
बहुत सुंदर रचना | बधाई आदरणीय बैजनाथ जी |
आदरणीय समर साहेब ...............हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
आदरणीय श्याम वर्मा साहेब ................ममनून हूँ आपका
बहुत ही सुन्दर , हार्दिक बधाई आपको ………….. |
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