For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल: मुहब्बत सभी से जताते नहीं हैं|

122  122 122 122

 

मुहब्बत सभी से जताते नहीं हैं|

मगर दोस्तों से छुपाते नहीं हैं|

 

हमें  तो पता है सबब आशिकी  का,

तभी दिल किसी से लगाते नहीं हैं ।

 

 बहुत चोट खाई है अपनों से अब तक

तभी जख्म  सबको दिखाते नहीं हैं|।

 

अमिट कुछ निशां पीठ पर दे गए वो,

नये दोस्त हम अब बनाते नहीं हैं|

 

कि दौरे मुसीबत में थामा जिन्होंने 

तो हर्गिज उन्हें  हम भुलाते नहीं हैं।

 

अगर हो न मुमकिन जो पाना तो ‘मिंटू’

वे सपने कभी हम सजाते नहीं हैं|

.

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 512

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on October 18, 2016 at 7:12pm

आदरणीय सुरेश कुमार साहेब  ............बहुत-बहुत शुक्रिया 

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on October 18, 2016 at 12:55pm
आदरणीय बैजनाथ शर्मा मिंटू जी सुन्दर गजल रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें । सादर ।
Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on October 17, 2016 at 9:47pm

आदरणीय कबीर साहेब .................ममनून हूँ आपका | नमन आपको 

Comment by Samar kabeer on October 17, 2016 at 8:40pm
जनाब बैजनाथ शर्मा'मिंटू'जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ।
Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on October 17, 2016 at 5:14pm

आदरणीय प्रमोद साहेब ............... बहुत-बहुत शुक्रिया आपका

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on October 17, 2016 at 5:13pm

आदरणीय रवि शुक्ला साहेब...............हौसला अफजाई के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया 

Comment by Ravi Shukla on October 17, 2016 at 1:42pm

आदरणीय बैज नाथ जी बढि़या गजल हुइ्र हैै शेर दर शेर दाद हाजिर है 

Comment by PRAMOD SRIVASTAVA on October 17, 2016 at 1:03pm

सुन्दर गजल हुई है।बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"वक़्त बदला 2122 बिका ईमाँ 12 22 × यहाँ 12 चाहिए  चेतन 22"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ठीक है पर कृपया मुक़द्दमे वाले शे'र का रब्त स्पष्ट करें?"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी  इस दाद और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत…"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आपका"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी सादर प्रणाम । बहुत बहुत बधाई आपको अच्छी ग़ज़ल हेतु । कृपया मक्ते में बह्र रदीफ़ की…"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। जो…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब। इस उम्द: ग़ज़ल के लिए ढेरों शुभकामनाएँ।"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। इस जहाँ में मिले हर…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service