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कविता - " तेरा-मेरा "

)
जन्नत से आगे इक जहान तेरा-मेरा होगा ,
सपनो के शहर में कारवां तेरा-मेरा होगा ,
क्या परखेंगे हमारे प्यार को दुनिया वाले ,

मोहब्बत के काफिले में इम्तिहान तेरा-मेरा होगा।

 

)
सागर कि लहरों में रास्ता तेरा-मेरा होगा ,
इश्क़ के साहिल से वास्ता तेरा-मेरा होगा ,
मिटा देंगे मोहब्बत कि हदें कुछ इस तरह ,
कि हर ज़ुबान पे बस दास्ताँ तेरा-मेरा होगा।

 

)
धड़कन से जुड़ा साज़ तेरा-मेरा होगा ,
कुछ छुपा सा राज़ तेरा-मेरा होगा ,
लोग सुनाएंगे किस्से हमारे प्यार के ,
कुछ ऐसा आगाज़ तेरा-मेरा होगा।

 

)
जीवन के फलसफे में जुड़ना तेरा-मेरा होगा ,
छोटी-छोटी बातों में प्यार से लड़ना तेरा-मेरा होगा ,
इस टकरार से होंगे हम जुदा कभी ,
बस इश्क़ कि राह में मुड़ना तेरा-मेरा होगा।

 

)
सूरज कि किरण के साथ जागना तेरा-मेरा होगा ,
हर पल हँसते-खेलते भागना तेरा-मेरा होगा ,
पूरि करने को ख्वाहिशें हमारी,
रब से हर वक़्त दुआएँ माँगना तेरा-मेरा होगा।

.

"मौलिक अप्रकाशित "

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Comment by M Vijish kumar on June 13, 2016 at 11:37am
धन्यवाद Saurabh Pandey जी, अपनी कमियों मे ज़रूर सुधार करूँगा

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 12, 2016 at 2:03pm

भाई विकास कुमार जी आपके उत्साह को सलाम ! मगर इस उत्साह को कोई दिशा तो दें. या, बस ऐसी ही हल्की-फुल्की पोस्ट से काम चलाना है ? आपकी प्रस्तुतियों में विधाजन्य बहुत सी कनियाँ हैं. 

शुभचिंतक पाठक-भाइयों ने उत्साहवर्द्धन में भरपूर ’वाहवाह’ कर दिया है. अब आप भी सचमुच की वाह-वाही लेने की तैयारी करें. 

शुभेच्छाएँ 

Comment by M Vijish kumar on June 10, 2016 at 8:11am
धन्यवाद maharshi tripathi जी
Comment by maharshi tripathi on June 9, 2016 at 11:25pm
सुंदर भाव युक्त रचना हेतु बधाई आपको !!!
Comment by M Vijish kumar on June 9, 2016 at 1:30pm
आदरणीय Sheikh Shahzad Usmani जी, आपका तहे दिल से धन्यवाद .
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on June 9, 2016 at 12:26pm
तेरी-मेरी दुनिया/सोच/भावनाओं/सपनों/हक़ीक़त को बख़ूबी बयान करती ख़ूबसूरत कविता के लिए हृदयतल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय M. Vijish कुमार जी।

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