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ग़ज़ल - मुझ पानी से मिला नहीं, जो तेल रहा है ( गिरिराज भंडारी )

22  22  22  22  22  22

लगता है अब काला पैसा खेल रहा है

मुल्क हमारा इसीलिये तो झेल रहा है

 

वर्षो तक अंधों के जैसे राज किया जो

वो भी देखो प्रश्न हज़ारों पेल रहा है

 

धर्म अगर केवल होता तो ये ना होता

मगर धर्म से राज नीति का मेल रहा है

 

कैसे उसकी यारी पर विश्वास करूँ मैं

मुझ पानी से मिला नहीं, जो तेल रहा है

 

देखो चीख रहा है वो भी परचम ले कर

जो ख़ुद अपने ही निजाम में फेल रहा है

 

वो चेह्रा जो चीख रहा है सबसे ज्यादा  

उसका तो घर बार हमेशा जेल रहा है  

 

जीत न पायेगा शतरंजी खेल कभी तू  

वो जो चाहा तू वो गोटी खेल रहा है

*********************************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

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Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on June 21, 2016 at 4:22pm
आदरणीय बहुत ही सुन्दर रचना है । बधाई हो ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 21, 2016 at 4:21pm

आदरणीया राजेश जी , ग़ज़ल की सराहना कर उत्साहवर्धन करने केलिये आपका हृदय से आभार ।

// इस मिसरे में कुछ अटकाव लग रहा है क्या ये ऐसे हो सकता है ?

 

जो ख़ुद अपने ही निजाम में फेल रहा है //    आदरनीया मुझे तो मिसरा सही लग रहा है , आप ये सोच के देखियेगा - वो कौन है तो उन्ही का शासन रहते फेल हुआ है -- नाम लिखना सही नही होता , इशारा है । इस लिहाज़ से इस शे र को फिर एक बार पढियेगा , तब भी अगर लगे तो बताइयेगा --

देखो चीख रहा है वो भी परचम ले कर

जो ख़ुद अपने ही निजाम में फेल रहा है ।





सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 21, 2016 at 4:14pm

आदरणीय श्याम नाराइन भाई , ग़ज़ल पर उपस्थिति और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 21, 2016 at 4:04pm

वर्षो तक अंधों के जैसे राज किया जो

वो भी देखो प्रश्न हज़ारों पेल रहा है---वाह वाह  जबरदस्त तंज 

  

कैसे उसकी यारी पर विश्वास करूँ मैं

मुझ पानी से मिला नहीं, जो तेल रहा है----बहुत ऊँचा शेर वाह्ह्ह 

बहुत सुन्दर ग़ज़ल कही है आ० गिरिराज जी बहुत बहुत बधाई हाँ ..इस मिसरे में कुछ अटकाव लग रहा है क्या ये ऐसे हो सकता है ?

 

जो ख़ुद अपने ही निजाम में फेल रहा है

 

जो ख़ुद अपनी ही निज़ामी  में फेल रहा है

 

Comment by Shyam Narain Verma on June 21, 2016 at 11:08am
बेहद उम्दा ...बहुत बहुत बधाई आप को आदरणीय | सादर 

कृपया ध्यान दे...

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