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शादी मे सारा कुछ अच्छे से निपट गया थासभी मेहमानों को वापसी उपहार,  मिठाईयो के डिब्बे देकर रुखसत किया गया था। घर को भी फ़िर से सवार कर पटरी पर ले आई थी कि अचानक  एक सुटकेस और पर्स के साथ कमरे से आता देख  निमेश  ने पूछा था
"अरे निशी! यू अचानक कहाँ के लिए निकल पडी। कुछ बताया भी नहीं पहले " 
उसकी ओर देखे बिना उसने बस इतना कहा था । " मैने अपने सारे कर्तव्य पूर्ण कर दिए है. अब मेरा यहाँ कोई काम नहीं है अब मैं केवल महरी या मिसराईन  बनकर नही रह सकती मैने अपने लिए नई जगह तलाश ली है। बस वहाँ व्यवस्थित होने के बाद तुम्हें खबर कर दूँगी"
वे उसे जाते देखते रहे । उन्होने एक बार भी कोशिश नही की उसे रोकने की..
बाद में खबर की थी कि वह मुबंई के एक महिला वृद्धाश्रम  मे रहकर उसकी देखरेख का काम सम्हालति  है। वही उसके लिए भी रहने की व्यवस्था है। पता वग़ैरह कुछ नही बताया बस एक फोन न. ज़रुर नोट करा दिया इस हिदायत के साथ कि यहाँ आने की कोई जहमत नहीं उठाएगा। ब्याहता बेटी  नुपूर  तक की कोई खबर कभी नहीं ली  थी उन्होने, रिश्तों  पर ताला डाल दिया था। जिस पर अब जंग चढ़ चुका था। 

वृद्धाश्रम के सालाना जलसे मे अचानक पहली पंक्ति विशेष अतिथि के रुप  मे बैठे जोडे को देख उसकी साँसे धोकनी की तरह चलने लगी.कही ये बेटी...
तभी नूपुर ने उन्हें देखते ही दौडकर उन्हें गले लगा लिया तो उसका बढा पेट उनके पेट से  टकरा गया.आँखो से नदी की धार बह चली. अब एक नवांकुर को जो सिंचना था.

 एक रिश्ता खत्म होने से बाकी रिश्तों पर काटा नहीं फेरा जा सकता। 


मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by नयना(आरती)कानिटकर on July 18, 2016 at 7:19pm

आ.रक्ताले जी आपने रचना को इतनी गहराई से पढा इस हेतु आभार आपका. दर असल   लघुकथा तकनीक मे ऐसा कहते है कि शब्दो का बार-बार दोहराव ना हो  (वैसे मै अभी सिखने के क्रम मे हू) .इस वजह से एक बार "निमेश" उपयोग मे लने के बाद "वे" शब्द लिखा था. आपकी बात सही लगी उसे " वह" किया जा सकता है. आगे उन्होंने /उसकी/उन्हें /   शब्द भी दोहराव को परे रखने के कारण आए फ़िर भी आपके सुझाव अमूल्य है. आगे की रचना लिखते वक्त ध्यान रखूँगी.

Comment by Ashok Kumar Raktale on July 18, 2016 at 6:24pm

आदरणीया नयना कानिटकर जी सादर, सच कहूँ तो मुझे यह कहानी समझ नहीं आयी है.शुरुआत अच्छी है, मगर पहले यह //वे उसे जाते देखते रहे । उन्होने एक बार भी कोशिश नही की उसे रोकने की..//यहाँ लडखडाती दिखी मुझे लगता है यहाँ  "वे" की जगह "वो" होना था और फिर पूर्ण वाक्य उसी अनुरूप. आगे उन्होंने /उसकी/उन्हें / शब्द भ्रमित करते लगे.इसकी जगह आवश्यकतानुसार सीधे पात्रों के नाम लिखे जाते तो समझने में सुविधा होती. सादर.

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