For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मरीज के
मर्ज का इल्जाम
मरीज पर आ रहा है
आश्चर्य नहीं
इस दौर में
मरीज को
मरीज
खींचे जा रहा है ।
क्या
किसी की
नजर में
बीमार
बीमार है?
मगर
स्वस्थ दिखने वाले
कितने
लाचार हैं ।
जन-जन
कण-कण
समस्त पर्यावरण
कौन
किसको
दवा दे?
क्योंकि
चिकित्सक और दवाखाना
दोनों
बीमार हैं।

सुरेश कुमार ' कल्याण '
मौलिक व अप्रकाशित

Views: 532

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on October 7, 2016 at 11:00am
आदरणीया कल्पना भट्ट जी रचना अनुमोदन के लिए हार्दिक आभार । सादर ।
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on October 7, 2016 at 11:00am
श्रद्धेय समर कबीर साहब आदाब । रचना की प्रशंसा और अपने कीमती विचार देने के लिए हार्दिक आभार । सादर ।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 6, 2016 at 9:40pm

इस सुंदर रचना के लिए बधाई आदरणीय |

Comment by Samar kabeer on October 6, 2016 at 8:43pm
जनाब सुरेश कुमार 'कल्याण'जी आदाब,बहुत उम्दा कविता लिखी आपने, इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on October 6, 2016 at 8:01pm
आदरणीय श्री सुशील सरना जी रचना को पसंद करने और सम्मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद । सादर ।
Comment by Sushil Sarna on October 6, 2016 at 4:51pm

 वाह वर्तमान व्यवस्था पर सटीक प्रहार करती एक सुंदर रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय। 

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on October 6, 2016 at 3:42pm
आदरणीय श्री शिज्जु शकूर जी रचना को मान देने के लिए हार्दिक आभार।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 6, 2016 at 10:33am

सुंदर रचना है आ. सुरेश कुमार 'कल्याण' जी बहुत बहुत बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है , बधाई स्वीकार करें "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"आदरणीय सुरेश भाई , बढ़िया दोहा ग़ज़ल कही , बहुत बधाई आपको "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीया प्राची जी , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Jul 12
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Jul 10

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service