For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मिट्टी मेरे पीछे थी, है मिट्टी मेरे आगे (ग़ज़ल)

बह्र : २२११ २२११ २२११ २२

 

क्या क्या न करे देखिए पूँजी मेरे आगे

नाचे है मुई रोज़ ही नंगी मेरे आगे

 

डरती है कहीं वक़्त ज़ियादा न हो मेरा

भागे है सुई और भी ज़ल्दी मेरे आगे

 

सब रंग दिखाने लगा जो साफ था पहले

जैसे ही छुआ तेल ने पानी मेरे आगे

 

ख़ुद को भी बचाना है और उसको भी बचाना

हाथी मेरे पीछे है तो चींटी मेरे आगे

 

सदियों मैं चला तब ये परम सत्य मिला है

मिट्टी मेरे पीछे थी, है मिट्टी मेरे आगे

----------------

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 547

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on October 14, 2016 at 5:58pm

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय विजय निकोर जी

Comment by vijay nikore on October 13, 2016 at 3:14pm

बहुत ही खूबसूरत ख्याल ! मुबारक।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on October 12, 2016 at 5:24pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय रवि शुक्ला जी। आपने सही कहा मुझे भी ये शे’र सबसे ज़्यादा प्रिय है।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on October 12, 2016 at 5:23pm

शुक्रिया आदरणीय समर साहब। इस ऐब को अभी दूर किये देते हैं।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on October 12, 2016 at 5:23pm

शुक्रिया आदरणीया  अर्पना शर्मा जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on October 12, 2016 at 5:22pm

शुक्रिया आदरणीय सुरेश कुमार जी

Comment by Ravi Shukla on October 12, 2016 at 3:42pm

आदरणीय धर्मेन्‍द्र जी बहुत बढि़या गजल कही है आपने शेर दर शेर मुबारक बाद और दाद हाजिर है 

ख़ुद को भी बचाना है और उसको भी बचाना

हाथी मेरे पीछे है तो चींटी मेरे आगे   आपके इस शेर के खयाल के नयेेपन ने बहुत प्रभावति किया 

दाद हाजिर है । 

Comment by Samar kabeer on October 10, 2016 at 5:47pm
जनाब धर्मेंद्र कुमार सिंह जी आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है, दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ।
आख़िरी शैर में ऐब-ए-तनाफुर देखिये,'बहुत तो'
Comment by Arpana Sharma on October 10, 2016 at 5:15pm
आ.श्रीमान् धर्मेन्द्र जी- एक प्रभावपूर्ण रचना के लिए बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ ।
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on October 9, 2016 at 8:18pm
आदरणीय धर्मेंद्र जी खूबसूरत प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई प्रेषित है । सादर ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service