किसी से कम रहो ना बेटी , पढ़ो बढ़ो तुम आगे जाओ | |
अडिग रहो अपने ही पथ पर , तुम कदम ना पीछे हटाओ | |
नाम करो अपना इस जग में , बढ़ो सुता तुम कदम बढ़ाओ | |
हर मुश्किल में रहे हौसला , हर गम सहकर बढ़ते जाओ | |
वक़्त के संग बढ़ते जाना , अगम राह से ना घबराओ | |
हार कभी भी तंग ना करे , ठोकर खाकर बढ़ते जाओ | |
कभी तुम्हें मिलेगी मंज़िल , हर बाधा से लड़ते जाओ | |
बढ़ो शान से बढ़ते जाओ , पढ़ लिख कर तुम नाम कमाओ | |
श्याम नारायण वर्मा |
मौलिक अप्रकाशित |
Comment
बहुत बहुत धन्यवाद जी , आपका हार्दिक आभार | |
आ. श्याम नारायण जी, बेटियों का हौसला बढ़ाती बढ़िया रचना प्रस्तुत की है आपने. मेरी तरफ़ से हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. इस कविता में मुझे निम्नलिखित संशोधनों की आवश्यकता प्रतीत हो रही है. आप देख लीजिएगा.
हर मुश्किल में रहे हौसला, हर गम सहकर बढ़ती जाओ |
हार कभी भी तंग ना करे, ठोकर खाकर बढ़ती जाओ |
कभी तुम्हें मिलेगी मंज़िल, हर बाधा से लड़ती जाओ |
बढ़ो शान से बढ़ती जाओ, पढ़ लिख कर तुम नाम कमाओ |
सादर.
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