२२ २२ २२ २२ २२ २२ २२ |
भाई बैरी से मिलके भाई को मार डाले | |
जिस ने नाजों से पाला उसको ही जार डाले | |
अनबन गर कभी हो जाये बोले ना भाई से , |
जलता है दिल में जैसे कोई अंगार डाले | |
बहकावे में आकर भूला देता है जब नाता , |
देखे ना कोई खाई फंदा खूंखार डाले | |
माने ना किसी का समझाये जाकर जो कोई , |
बन कर खंजर भाई के सीने पे धार डाले | |
बैरी लगते भाभी बच्चे जब आखों चढ़ जायें , |
मानो रावण के वंसज लंका से रार डाले | |
बैरी सा दिखता भाई दिन रात चुभता दिल में , |
घर को बनाता जंगल सापों का हार डाले | |
अनमोल है जगत में भाई भाई का नाता , |
वर्मा कोई ना ऐसे भाई पर वार डाले | |
श्याम नारायण वर्मा |
मौलिक व अप्रकाशित |
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