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1
कैसी ख़ामोशी

हर तरफ़ देखो

रात खामोश

2
यह जो तुम
हो गये हो ख़ामोश
बदली छायी ।

3
बदल गए
सोचा न ऐसा  कभी
ख़ामोशी बोली ।

4
दूर हो गए
कदम ख़ामोशी के
चलते चले ।

5
जब टूटेगी
ख़ामोशी बादलों की
वर्षा ही होगी ।

6
सुनायी देती
ख़ामोशी की ज़ुबान
आँखों में देख ।

7
लम्बी ख़ामोशी
काँटो सी है चुभति
समझे कोई ।

8
रहने लगे
ख़ामोश जब तुम
टुटा है दिल ।

9
ज़ुबान होती
ख़ामोशी की गर दे
सुनायी तुम्हें ।

10
बादल हुआ
ख़ामोश है जब से
सूखी धरती ।


मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by narendrasinh chauhan on June 14, 2017 at 12:57pm

LAAJWAAB 

Comment by Mohammed Arif on June 13, 2017 at 9:52am
आदरणीया कल्पना भट्ट जी आदाब, सतरंगी भावननाओं के रंग में रंगे बेहतरीन हाइकु । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । हाइकु क्रमांक-1में 8अक्षर हो रहे हैं । इसी प्रकार हाइकु क्रमांक-3में भी 8 अक्षर हो रहे हैं । देखिएगा ।

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