For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - अजब मासूम है क़ातिल हमारा ( गिरिराज भंडारी )

1222    1222   122
वो दहशत गर्द है या मुस्तफ़ा है

क्या तुमने फैसला ये कर लिया है ?

 

अजब मासूम है क़ातिल हमारा

वो ख़ूँ बारी से अब दहशत ज़दा है

 

तमाशाई के सच को कौन जाने ?

वो सच में मर रहा है, या अदा है

 

वो सारी ख़ूबियाँ पत्थर की रख कर

किया है मुश्तहर... वो.. आइना है

 

कज़ा से बस कज़ा की बात होगी

हमारा बस यही इक फैसला है

 

बहुत दूरी नहीं है, पर चला जो

कभी मस्ज़िद से मन्दिर... हाँफता है

 

डरो मत बस हवायें तेज़ हैं कुछ

ख़बर झूठी है पीछे जलजला है

***************************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

Views: 873

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mahendra Kumar on July 12, 2017 at 9:42pm

तमाशाई के सच को कौन जाने ?

वो सच में मर रहा है, या अदा है ...वाह! बहुत ख़ूब!!

इस बढ़िया ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए आ. गिरिराज सर. सादर. 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 10, 2017 at 9:06pm

आ० अनुज ---- बहुत  उम्दा

 

तमाशाई के सच को कौन जाने ?

वो सच में मर रहा है, या अदा है-----क्या कहने ?


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 10, 2017 at 7:30am

आदरणीय सुरेन्द्र भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 10, 2017 at 7:29am

आदरनीय रवि भाई , आपका तहे दिल से शुक्रिया , हौसला अफज़ाई का ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 10, 2017 at 7:28am

आदरणीय बृजेश भाई , आपका हार्दिक आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 10, 2017 at 7:28am

आदरणीय समर भाई , ग़ज़ल पर उपस्थिति और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ।

मुस्तफा उसके अर्थ के अनुसार लिया है = पवित्र  ( पवित्रता का बिम्ब )


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 10, 2017 at 7:25am

आदरणीय नीरज भाई , उत्साह वर्धन के लिये बहुत आभार आपका ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 10, 2017 at 7:24am

आदरणीय सुनील सरन भाई , गज़ल की अराहना के लिये आपका हृदय से आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 10, 2017 at 7:23am

आदरनीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 10, 2017 at 7:23am

आदरणीय आरिफ भाई , हौसला अफज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service