मै लिख दूंगा कोई गा देगा,
मेरा गीत अमर हो जायेगा।
अधरोँ पर शब्द मेरे होंगे
जिह्वा पर शब्द मेरे होंगे,
कण्ठो के उच्छवासोँ मे भी,
श्रवणोँ मे शब्द मेरे होंगे।
संगीत मे कोई सजा देगा,
मेरा गीत अमर हो जायेगा।
मै लिख...............
स्पन्दन मे; अजवन्दन मे,
परिहास और अभिनन्दन मे;
उत्साह और अभिलाषा मे,
करुणा मे निर्जन कानन मे।
शब्दो कि वायु बहा देगा,
मेरा गीत अमर हो जायेगा।
मै लिख................
प्रस्थान और आवाह्न मे,
श्रंगारकाल के दर्पण मे।
परिणय बेला चलचित्रो मे,
षडऋतुओ मे वन उपवन मे।
गुंजार से श्ब्द जगा देगा,
मेरा गीत अमर हो जायेगा।
मै लिख..............
....................................................
' मौलिक एव अप्रकाशित '
Comment
अच्छी रचना हुई है आगे सुधि जनों की बातों पर गौर करें | हार्दिक शुभकामनायें |
आदरणीय अरुणेश भाई , इस प्रस्तुति के लिये आपको हार्दिक बधाई ।
सभी का बहुत-बहुत आभार, आदरणीय इसी प्रकार मेरा मनोबल बढ़ाते रहें|
आ. अरुण जी, अच्छी प्रस्तुति है. पर यदि आप इसमें कुछ ऐसा ख़याल व्यक्त करते कि मैंने लिख तो दिया है पर अगर तू गा देगा तो मेरा गीत अमर हो जाएगा, तो यह और भी अच्छी प्रस्तुति हो जाती. मेरी तरफ़ से हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.
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