For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता...​​ बदले हुये इंसान की बातें -बृजेश कुमार 'ब्रज'

सुबह से लेकर सांझ की बातें
इक खत में कैसे लिख दूँ
सूरज से लेकर चांद की बातें
इक खत में कैसे लिख दूँ

कैसे लिख दूँ मैं भँवरे का
कलियों से हुआ जो प्रेम मिलन
कैसे लिख दूँ कि बेलों ने
पेड़ों को बाँधा था आलिंगन
प्रीत पतिंगा दिए से करे
पगले के बलिदान की बातें
इक खत में कैसे लिख दूँ
जीवन और शमशान की बातें
इक खत में कैसे लिख दूँ

कैसे लिख दूँ की तुम बिन
उदास आँखों का दरपन
रूठी ​​हुई बहारें हैं
उजड़ा हुआ है मन-उपवन
अपनी आँखों के आँसू को
कर दूँ कैसे तुमको अरपन
नैनों से बरसते निर्झर को
इक खत में कैसे लिख दूँ
सांझ ढले जब दीप जले आ जाओ
दिल के इस अरमान की बातें
इक खत में कैसे लिख दूँ

​​कैसे लिख दूँ मैं कुंज गलियों की
बोझिल होती नीरवता
किन शब्दों में बयां करूँ
सुरसरि की खोई निर्मलता
उसके दर्द उफान की बातें
इक खत में कैसे लिख दूँ
बदले हुए इनसान की बातें
इक खत में कैसे लिख दूँ
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
बृजेश कुमार 'ब्रज'

Views: 655

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 1, 2017 at 9:49pm
बहुत बहुत आभार आदरणीय सलीम जी..
Comment by SALIM RAZA REWA on November 1, 2017 at 8:38pm

भाई बृजेश कुमार 'ब्रज' जी खूबसूरत कविता के लिए बधाई। 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 1, 2017 at 7:34pm
आदरणीय समर कबीर जी आपके स्नेह के लिये हार्दिक अभिनन्दन वंदन..जहाँ तक मेरी जानकारी है दर्पण और दर्पन लिखने में प्रयुक्त किये जा सकते हैं..हालाँकि मैंने दरपन लिखा है जो उचित नहीं है..सादर
Comment by Samar kabeer on November 1, 2017 at 5:03pm
जनाब बृजेश कुमार'ब्रज'साहिब आदाब,बहुत उम्दा कविता,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
दरपन-दर्पण
अरपन-अर्पण ?
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 31, 2017 at 10:17pm
आदरणीय डा.साहब आपके सुन्दर शब्दों से अतिप्रसन्ता का अहसास हुआ..हार्दिक अभिनन्दन वंदन..सादर
Comment by Dr Ashutosh Mishra on October 31, 2017 at 7:00pm
आदरणीय भाई बृजेश जी ख़त में कैसे लिखेंगे ये तो नहीं पता पर इस रचना रूपी सुराही में आपने समंदर जरूर उड़ेल दिया। पढ़ने में रिचक लगी इस रचना पर आपको ढेर सारी बधाई सादर
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 31, 2017 at 4:19pm
आपकी उत्साहवर्धक टिप्पड़ी के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मोहित जी..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
39 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
43 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , खूब सूरत मतल्ले के साथ , अच्छी ग़ज़ल कही है , हार्दिक  बधाई स्वीकार…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल  के शेर पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया देख मन को सुकून मिला , आपको मेरे कुछ…"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
yesterday
Chetan Prakash commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"मुस्काए दोस्त हम सुकून आली संस्कार आज फिर दिखा गाली   वाहहह क्या खूब  ग़ज़ल '…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service