काफिया आनी : रदीफ़ :मुझे
बह्र :२१२२ २१२२ २१२२ २१२
राह सब दुर्गम, लिखाई में है’ आसानी मुझे
यार दुनिया-ए-सुख़न ही अब है अपनानी मुझे' |
'राज़ की हर बात पर्दे में छुपी थी राज़दाँ
फिर भी जाने क्यों लगी दुश्नाम उरियानी मुझे'|
'मैं नहीं था जानता, ईमान क्या है देश में
ज़ीस्त ने नक़ली बनाया है बलिदानी मुझे'||
अच्छा था वो शाह का शासन, मुकद्दर और था
जीस्त मेरी पलटी खाई, सख्त हैरानी मुझे |
शर्त थी मिलकर ही’ हम दोनो करेंगे काम सब
लितलियों सी उड़ती, सौंपी घर की दरबानी मुझे |
'प्रेयसी की बात में माना मधुरता है मगर
जो भी कहती है वही चुभती है क्यों वानी मुझे'|
आना’ जाना तो सनातन सत्य, ‘काली’ सब गए
जिंदगी अब दीखती बेरंग वीरानी मुझे |
मौलिक & अप्रकाशित
Comment
आदरणीय समर कबीर साहिब आदाब , वास्तव में ग़ालिब की जमीन में जो ज्यादा कठिन महसूस होती है मैं उसीपर लिखने की कोशिश करता हूँ ,ये सोचकर कि इसपर अगर लिख लिया ,बाकी आसानी से लिख सकेंगे |यह भी भरोसा है की गलती होगी तो आप हमें उचित मार्ग दर्शन करेंगे |आपके सोहबत में बहुत कुछ सिखा है | ग़ालिब को पढ़कर भी मुझे बहुत बारिकिओं की जानकारी मिली | विस्तृत विश्लेषण और मार्ग दर्शन के लिए तहेदिल से शुक्रिया | इसको सुधार कर फिर प्रस्तुत करता हूँ |
मतले के सानी मिसरे में 'सुख़नवारों' कोई शब्द नहीं होता,इस मिसरे को यूँ कर सकते हैं :-
'यार दुनिया-ए-सुख़न ही अब है अपनानी मुझे'
'राज़ की सब बात परदे में छुपी थी राज़दाँ
थी छुपी सब किन्तु की दुशनाम उरियानी मुझे'
इस शैर के ऊला मिसरे में ऐब-ए-तनाफ़ुर है, और सानी में शिल्प सही नहीं,इस शैर को यूँ कर सकते हैं :-
'राज़ की हर बात पर्दे में छुपी थी राज़दाँ
फिर भी जाने क्यों लगी दुश्नाम उरियानी मुझे'
तीसरा शैर यूँ कर लें :-
'मैं नहीं था जानता, ईमान क्या है देश में
ज़ीस्त ने नक़ली बनाया है बलिदानी मुझे'
4थे शैर के सानी मिसरे में 'सक्त' को "सख़्त" कर लें ।
5वें शैर के सानी में 'दरवानी' को "दरबानी" कर लें ।
छटा शैर यूँ कर लें :-
'प्रेयसी की बात में माना मधुरता है मगर
जो भी कहती है वही चुभती है क्यों वानी मुझे'
ग़ालिब की ज़मीन में ग़ज़ल कहना बहुत दुश्वार होता है ।
आदरणीय समर कबीर साहिब , कुछ सुधार कर फिर पेश करता हूँ | कृपया एक नज़र डालें |
जनाब कालीपद प्रसाद मण्डल जी आदाब,ग़ज़ल अभी बहुत समय चाहती है,कई अशआर में स्त्रीलिंग और पुल्लिंग का दोष है,शिल्प और भाषा पर ख़ास ध्यान देने की ज़रूरत है, फिर कोशिश करें ।
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