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चाँद से पूछें...

चाँद से पूछें.....

आखिर
ख़्वाब टूटने का सबब
क्या है
चलो
चाँद से पूछें

करते हैं
जो दिल की मुरादें पूरी
उन तारों का पता
चलो
चाँद से पूछें

मुहब्बत में
अश्कों का निज़ाम
किसने बनाया
चलो
चाँद से पूछें

धड़कनों के पैग़ाम
क्यूँ हुए रुसवा
चलो

चाँद से पूछें

क्यूँ पूनम का अंजाम
बना अमावस
चलो

चाँद से पूछें

पेशानी पे मुहब्बत की
तड़प लिख दी किसने
चलो
चाँद से पूछें

कभी तुमने भी
सही है
चांदनी की जुदाई
चलो चाँद से पूछें


सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment

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Comment by Sushil Sarna on January 27, 2018 at 12:09pm


आदरणीय  narendrasinh chauhan जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का आभारी है।

Comment by narendrasinh chauhan on January 22, 2018 at 5:57pm

सुन्दर रचना ,

Comment by Sushil Sarna on January 21, 2018 at 7:09pm

आदरणीय बृजेश जी सृजन आपकी प्रशंसा का आभारी है।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 20, 2018 at 3:11pm

बेहतरीन  रचना  आदरणीय सादर बधाई

कृपया ध्यान दे...

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