For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 लघुकथा - गवाह –

नेताजी की हवेली में काम करने वाली चंपा की नाबालिग लड़की रूपा की नेताजी के लड़के ने ज़बरन इज्जत लूट ली। नेताजी ने साम, दाम, दंड और भेद सब हथकंडे अपना लिये, लेकिन चंपा किसी भी तरह मामले को रफ़ा दफ़ा करने को राजी नहीं हुयी।

आखिरकार नेताजी अपनी औक़ात पर आ गये। चंपा को बोल दिया,"जा जो तेरी मर्जी हो कर ले"।

चंपा भी इतनी आसानी से हार मानने वाली नहीं थी। चीख चीख कर सारी बस्ती इकट्ठा कर ली। चंपा के दो चार पुराने शुभ चिंतकों ने मशविरा दे डाला कि सब जुलूस लेकर थाने चलो और नेताजी के छोरे के नाम नामज़द रिपोर्ट लिखवाओ। सारा मोहल्ला गवाही देगा|

पूरा मोहल्ला "नेताजी मुर्दाबाद" के नारे लगाते हुये थाने पहुँच गया।

शोरगुल सुनकर दरोगा जी ने सिपाही भेज कर चंपा को अंदर बुलाया। चंपा ने अपनी बेटी के साथ दरोगा जी के रूबरू होकर सारा किस्सा सुना दिया।

"तुम्हारे इस केस में गवाह कौन है"?

"हुजूर पूरा मोहल्ला थाने के बाहर खड़ा है"।

"ठीक है, जाओ, उनमें से चार छह भरोसे के लायक लोगों को बुलालो, जो कोर्ट कचहरी में मुकर ना जांय"।

चंपा थाने के बाहर आई तो वहाँ कोई नहीं था। नेताजी खड़े अपनी मूंछें ऐंठ रहे थे।

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 559

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on January 24, 2018 at 10:11am

हार्दिक आभार आदरणीय महेंद्र कुमार जी।

Comment by Mahendra Kumar on January 23, 2018 at 7:41pm

इस बढ़िया यथार्थपरक लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए आ. तेज वीर सिंह जी. सादर.

Comment by TEJ VEER SINGH on January 22, 2018 at 11:54am

हार्दिक आभार आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब जी।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 22, 2018 at 11:48am

मुहतरम जनाब तेजवीर साहिब , समाज को आइना दिखाती सुन्दर लघुकथा हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं।

Comment by TEJ VEER SINGH on January 22, 2018 at 11:48am

हार्दिक आभार आदरणीय सलीम रजा रेवा साहब जी।

Comment by SALIM RAZA REWA on January 22, 2018 at 9:00am
जनाब तेजवीर सिंह जी,
वाह क्या खूबसूरती से आज होने वाली सच्ची बात कही है,
आज ऐसी कई चम्पा हर रोज लूटती है. और कोई गवाही देने नहीं आता...
ये समाज कब बदलेगा बड़ा सवाल है



..... सादर
Comment by TEJ VEER SINGH on January 21, 2018 at 10:56am

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी जी।आपकी सकारात्मक और प्रेरणात्मक टिप्प्णी सदैव मेरा मार्ग दर्शन करती हैं।सादर।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on January 21, 2018 at 10:45am

वास्तविकतायें बयां करती बढ़िया मार्मिक रचना के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब तेजवीर सिंह साहिब। नकारात्मक अंत में गंभीर कटाक्ष भी है। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post खत तुम्हारे नाम का.. लिफाफा बेपता रहा // सौरभ
"आदरणीय, सहमति के लिए हार्दिक धन्यवाद"
52 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post शिक्षक दिवस - कुण्डलिया छंद // सौरभ
"आदरणीय श्याम नारायण जी, आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद.  शुभ-शुभ"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post शिक्षक दिवस - कुण्डलिया छंद // सौरभ
"आदरणीय विजय शंकर जी, आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद जय-जय"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post शिक्षक दिवस - कुण्डलिया छंद // सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी उपस्थिति और बधाइयों के लिए हार्दिक धन्यवाद.  शुभ-शुभ"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post शिक्षक दिवस - कुण्डलिया छंद // सौरभ
"आदरणीय सुशील सरना जी,  छंद-रचना आपको भायी यह मेरे लिए भी आश्वस्तिकारी है.  आपकी मुखर…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी शुभकामनाओं और बधाइयों के लिए हार्दिक धन्यवाद.  शुभ-शुभ"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल-नूर की ...हय
"धन्यवाद आ. सौरभ सर. बस 9 साल ही लेट हूँ धन्यवाद ज्ञापित करने में 😁😁"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल-नूर की ...हय
"धन्यवाद आ. आशुतोष जी "
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. सौरभ सर,इमोजी पोस्ट कर पाने की बधाई 😁😁"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"जय हो...  //होठों को शहद, रस, जाम आदि तो कई बार देखा सुना था लेकिन पहली बार होंठ पे गमले देखने…"
7 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"आदरणीय नीलेश जी, ग़ज़ल पर आने और अपनी बहुमूल्य सलाह देने के लिए आपका आभार। आपके सुझाव उपयोगी हैं और…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. सौरभ सर,होठों को शहद, रस, जाम आदि तो कई बार देखा सुना था लेकिन पहली बार होंठ पे गमले देखने का…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service