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दोस्ती - लघुकथा -

दोस्ती - लघुकथा -

श्रद्धा एक मध्यम वर्गीय परिवार की मेधावी छात्रा थी।वह इस साल एम एस सी जीव विज्ञान की फ़ाइनल में थी। शिक्षा का उसका पिछला रिकार्ड श्रेष्ठतम था।इस बार भी उसका इरादा यूनीवर्सिटी में अब्बल आने का था।

मगर इंसान की मेहनत और इरादे से भी ऊपर एक चीज़ होती है भाग्य।जिस पर ईश्वर के अलावा किसी अन्य का जोर नहीं चलता। श्रद्धा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।

वह उस दिन क्लास रूम से बाहर निकल रही थी कि चक्कर खाकर गिर गयी।अफ़रा तफ़री मच गयी। सभी साथी सहपाठी चिंतित और परेशान हो गये।एक सहपाठी जो श्रद्धा का सबसे अच्छा मित्र था, तुरंत अपनी कार ले आया और उसे अस्पताल पहुंचाया।सारी सघन जाँच होने पर पता चला कि उसे सिर में कैंसर है लेकिन प्रथम स्टेज पर ही है।अतः विशेष चिंता का विषय नहीं था, फिर भी कैंसर नाम ही अपने आप में भयावह लगता है।

अगले ही दिन शल्य चिकित्सा कर दी गयी।

कुछ दिन बाद आवश्यक हिदायातें और दवाईयाँ देकर उसे घर भेज दिया।डाक्टरों ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह चाहे तो अपनी परीक्षा की तैयारी जारी रख सकती है।

लेकिन श्रद्धा कालेज जाने को तैयार ही नहीं थी, क्योंकि उसके सिर का मुंडन कर दिया गया था।उसे अपने बालों से विशेष लगाव था।उसके बालों की सुंदरता भी कालेज में एक चर्चा का विषय बनी हुई थी।उसे यही हिचक और चिंता थी कि किस किस को स्पष्टीकरण देती रहूँगी।

अंततः परिवार और खास दोस्तों के विशेष अनुरोध पर श्रद्धा कालेज जाने को सहमत हो गयी।आपरेशन के पश्चात श्रद्धा का आज कालेज में प्रथम दिन था।उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब उसने देखा कि उसके समर्थन में उसकी पूरी क्लास ने अपने सिरों का मुंडन करा लिया था।

मौलिक एवम अप्रकाशित

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Comment by TEJ VEER SINGH on October 9, 2018 at 9:02pm

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी जी।बेहतरीन सुझाव है आपका।विचार करूँगा।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 9, 2018 at 8:54pm

शीर्षक सम्मत बेहतरीन सकारात्मक प्रेरक समापन/कथ्य के साथ बढ़िया सृजन। हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब। मेरे विचार से इसे श्रद्धा की ओर से पत्र-शैली या डायरी-शैली में भी कहा जा सकता है।

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