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धनतेरस

धन धान्य हो भरा

शुभकामना

  

धन बरसे

लक्ष्मी रहें प्रसन्न

सब हरसें

  

झालर दीप

सुंदर उपहार

सजे बाजार

  

हल्की है ज़ेव

महंगाई की मार

सुस्त ग्राहक

  

प्रथा निभाएँ

धनतेरस पर

थोड़ा ही लाएँ

 

 धनतेरस

खुशियाँ दे अपार

प्यारा त्योहार

 

…. मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 9, 2018 at 10:01am

वाह सुन्दर हाइकु आदरणीया...बधाई

Comment by Neelam Upadhyaya on November 6, 2018 at 12:54pm

 आदरणीय समर कवीर जी, मनोबल बढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

Comment by Neelam Upadhyaya on November 6, 2018 at 12:53pm

 आदरणीय तेजवीर सिंह जी, मनोबल बढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

Comment by Neelam Upadhyaya on November 6, 2018 at 12:52pm

 बहुत बहुत आभार आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी।  

Comment by Samar kabeer on November 6, 2018 at 11:42am

मुहतरमा नीलम उपाध्याय जी आदाब,बहुत उम्दा हाइकू लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 5, 2018 at 7:58pm

हार्दिक बधाई आदरणीय नीलम जी।बेहतरीन हाइकू।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 5, 2018 at 7:12pm

बहुत बढ़िया सार्थक अभिव्यक्ति। बढ़िया प्रयास। हार्दिक बधाई आदरणीया नीलम उपाध्याय साहिबा। //हरसें// या /हर्षें/ = //धारक हर्षें//,  //ज़ेव//=// ज़ेब//

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