धनतेरस
धन धान्य हो भरा
शुभकामना
धन बरसे
लक्ष्मी रहें प्रसन्न
सब हरसें
झालर दीप
सुंदर उपहार
सजे बाजार
हल्की है ज़ेव
महंगाई की मार
सुस्त ग्राहक
प्रथा निभाएँ
धनतेरस पर
थोड़ा ही लाएँ
धनतेरस
खुशियाँ दे अपार
प्यारा त्योहार
…. मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
वाह सुन्दर हाइकु आदरणीया...बधाई
आदरणीय समर कवीर जी, मनोबल बढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
आदरणीय तेजवीर सिंह जी, मनोबल बढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
बहुत बहुत आभार आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी।
मुहतरमा नीलम उपाध्याय जी आदाब,बहुत उम्दा हाइकू लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
हार्दिक बधाई आदरणीय नीलम जी।बेहतरीन हाइकू।
बहुत बढ़िया सार्थक अभिव्यक्ति। बढ़िया प्रयास। हार्दिक बधाई आदरणीया नीलम उपाध्याय साहिबा। //हरसें// या /हर्षें/ = //धारक हर्षें//, //ज़ेव//=// ज़ेब//
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