For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नैन पर चंद दोहे :

नैन पर चंद दोहे :

नैन नैन में हो गई, अंतर्मन की बात।
नैन गाँव को मिल गयी, सपनों की सौग़ात।।

रीत निभा कर प्रीत ने, दिल पर खाई चोट।
आँस न स्रावित हो सकी, थी पलकों की ओट।।( आँस=वेदना )

नैन झुके तो शर्म है, नैन उठें बेशर्म।
नैन जानते नैन के, कैसे होते कर्म।।

नैन बड़े बेशर्म हैं ,नैनों का क्या धर्म।
प्रीत सयानी जानती, प्रीत नैन का मर्म।।

नैन नैन को भेजते,अंतस के सन्देश
बिना दरस के नैन को, लगता ज्योँ परदेस।।


सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 564

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on May 4, 2019 at 6:20pm

आदरणीय  narendrasinh chauhanजी सृजन पर आपकी मन मुग्ध करती प्रशंसा का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on May 4, 2019 at 6:20pm

आदरणीय   Hariom Shrivastavaजी सृजन पर आपकी मन मुग्ध करती प्रशंसा का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on May 4, 2019 at 6:19pm

आदरणीय  सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी सृजन पर आपकी मन मुग्ध करती प्रशंसा का दिल से आभार।

Comment by narendrasinh chauhan on May 4, 2019 at 6:08pm

बहेतरीन , सुशील सरना जी सादर अभिवादन

Comment by Hariom Shrivastava on May 4, 2019 at 11:01am

वाह,वाहह,नैनो पर अति सुंदर दोहे। 

Comment by नाथ सोनांचली on May 4, 2019 at 4:16am

आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवादन। बहुत बेहतरीन दोहे सृजित किये आपने। इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार कीजिये। विशेषतः इस दोहे ने मन मोह लिया....

नैन नैन को भेजते,अंतस के सन्देश 
बिना दरस के नैन को, लगता ज्योँ परदेस।।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

ajay sharma shared a profile on Facebook
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Sunday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service