For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता: स्मृति शेष

स्मृति शेष, बनी विशेष। 
कभी शूल सी चुभती हैं, 
कभी बन प्रसून महकती हैं। 
कभी अश्रु बन छलकती हैं, 
कभी शब्दों में ढलती हैं। 

स्मृति शेष, बनी विशेष। 
अशेष, अन्नत प्रवाह पीड़ा का, 
बिसराये ना बिसरती हैं। 
सब छूट गया सब टूट गया, 
शेष स्मृति का अटूट बंधेज। 

स्मृति शेष, बनी विशेष। 
कुछ जीने का अरमान गया, 
कुछ मरने का अरमान जगा। 
कुछ लावा पश्चात्ताप का है, 
ना दिखता है ना रिसता है। 

स्मृति शेष, बनी विशेष। 
अजीब वियोग का मंथन है
कुछ यादें अमृत बन जाती है
कुछ विष पीड़ा बन जाती है
इस पर भी दुनियां का पहरा है
फिर समय चक्र कहाँ ठहरा है? 

(मौलिक एवं अप्रकाशित) 

Views: 1546

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Geeta Chaudhary on November 4, 2019 at 8:01pm

आदरणीय  समर कबीर जी सादर प्रणाम! कविता की सराहना एवं उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवादI सर मार्गदर्शन के लिए विशेष आभारI 

Comment by Dr. Geeta Chaudhary on November 4, 2019 at 7:51pm

आदरणीय Dandpani Nahak जी कविता की सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद!

Comment by Samar kabeer on November 4, 2019 at 2:36pm

मुहतरमा डॉ. गीता चौधरी जी आदाब, अच्छी कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

'स्मृति शेष, बनी विशेष'

आपकी ये पंक्ति एक वचन में है,और बाक़ी सभी पंक्तियाँ बहुवचन में हैं,इस पंक्ति को  यूँ कर लें तो बाक़ी पंक्तियों का ताल मेल भी ठीक होगा:-

"स्मृतियाँ शेष, बनीं विशेष"

Comment by Usha on November 2, 2019 at 11:39am

आदरणीय सुश्री डॉ गीता चौधरी जी, अति गंभीर भावाव्यक्ति। 'स्मृति शेष, अति विशेष' ख़ूबसूरत व् सटीक शीर्षक। सुन्दर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें। सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"शुक्रिया आदरणीया "
5 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"शुक्रिया आदरणीय "
5 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"जी नहीं। बिल्कुल नहीं हैं। किसी के भी अनुभव किसी के भी ग़ुलाम नहीं हैं। सिर्फ़ इस मंच को ओपन मंच…"
5 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अमित जी  सुधार की कोशिश कृपया देखियेगा  सादर  महब्बतों से यहाँ दिल मिले हैं…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"उदासियों मे मेरी तू अभी हँसी न मिला खमोशियों में मेरी अपनी मौशिकी न मिला कड़ा है वक़्त तो यूं भी…"
6 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय निलेश जी नमस्कार  बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए  आप सब गुणीजनों को…"
6 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय मयंक जी नमस्कार  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार kijiye गुणीजनों की टिप्पणियाँ…"
6 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अजय जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल कही अपने बधाई स्वीकार kijiye  गुणीजनों की इस्लाह और…"
6 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अमीर जी  हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत शुक्रिया आपका  सीखने की कोशिश ज़ारी रहेगी…"
6 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अमित जी  बहुत शुक्रिया आपका ,  फिर प्रयास करती हूँ  सादर "
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"मेरे अनुभव आपके मुहावरों के गुलाम हों ये ज़रूरी तो नहीं।"
7 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"बहुत खूब, आदरणीय ... सादर प्रणाम ! बेहद खूबसूरत मक़्ते के साथ एक बेहतरीन प्रस्तुति ! हार्दिक बधाई…"
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service