1. ये यादों का अकूत कारवां है,
नित बेहिसाब चला पर वही खड़ाI
2. तेरी हाथों की लकीरों का दोष,
या मेरी दुआओ का,
अकाट्य प्रवाह पहेली सा I
3. कभी शब्द भी मौन हुए,
कभी मौन मुस्काए है I
कभी अभिव्यक्तियों को पंख लगे,
कभी सन्नाटों के साये है I
4. बातो का सिलसिला टूटा नहीं तेरे जाने से,
बस फर्क इतना है तेरा किरदार भी निभाती हूँ मै I
5. यूँ तो जी भर जिया हमने जिन्दगी को साथ साथ,
पर नासूर बन गई वो आधी अधूरी मुलाकात I
६. ना लय छंद के नियम मै जानूँ, ना शब्दों के भण्डार हैं,
बस असीम पीड़ा तेरे विछोह की, और यादों के अकूत अम्बार हैं I
"मौलिक व अप्रकाशित"
(डा० गीता चौधरी)
Comment
आदरणीय शेख़ शहजाद उस्मानी जी सादर प्रणाम! क्षणिकाओं की सराहना के हार्दिक आभार, और मार्गदर्शन के लिए विशेष रूप से धन्यवादI मै सुझावों को ध्यान में रखूंगीI
आदाब। बहुत बढ़िया क्षणिकाओं के लिए बहुत-बहुत बधाई आदरणीया डॉ. गीता चौधरी साहिबा। रचनाएं 1-2-3 मुझे बहुत पसंद आईं। कुछ टंकण त्रुटियों को एडिट कर लीजिएगा। अंत में अपना नाम लिखने की आवश्यकता नहीं है नियमानुसार।
It's OK ,Try your best one day will get success
And kindly use only hindi language because English is prohibited at OBO
My wishes is always with you.
आदरणीय डॉ गीता चौधरी जी, खूबसूरत क्षणिकाओं के लिए बधाई स्वीकार करें।
Sorry Samar kabeer ji. Again I very happy to that you observed so keenly what I wrote.
Thanks it's my Great pleasure.. sir actually I m not a person of literature but want to express what I felt..
जी, समीर कबीर नहीं 'समर कबीर'
बधाई के लिए बहुत शुक्रिया।
आदरणीय समीर कबीर जी नमस्कार, बधाई के लिए बहुत बधाई विशेष रूप से संशोधन के लिए। मै इस बात पर ध्यान दूंगी।
मुहतरमा डॉ. गीता चौधरी जी आदाब, अच्छी क्षणिकाएँ लिखीं आपने,बधाई स्वीकार करें ।
कुछ शब्दों में टंकण त्रुटियाँ देख लें ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online