For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता: स्मृति शेष

स्मृति शेष, बनी विशेष। 
कभी शूल सी चुभती हैं, 
कभी बन प्रसून महकती हैं। 
कभी अश्रु बन छलकती हैं, 
कभी शब्दों में ढलती हैं। 

स्मृति शेष, बनी विशेष। 
अशेष, अन्नत प्रवाह पीड़ा का, 
बिसराये ना बिसरती हैं। 
सब छूट गया सब टूट गया, 
शेष स्मृति का अटूट बंधेज। 

स्मृति शेष, बनी विशेष। 
कुछ जीने का अरमान गया, 
कुछ मरने का अरमान जगा। 
कुछ लावा पश्चात्ताप का है, 
ना दिखता है ना रिसता है। 

स्मृति शेष, बनी विशेष। 
अजीब वियोग का मंथन है
कुछ यादें अमृत बन जाती है
कुछ विष पीड़ा बन जाती है
इस पर भी दुनियां का पहरा है
फिर समय चक्र कहाँ ठहरा है? 

(मौलिक एवं अप्रकाशित) 

Views: 1623

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Geeta Chaudhary on November 4, 2019 at 8:01pm

आदरणीय  समर कबीर जी सादर प्रणाम! कविता की सराहना एवं उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवादI सर मार्गदर्शन के लिए विशेष आभारI 

Comment by Dr. Geeta Chaudhary on November 4, 2019 at 7:51pm

आदरणीय Dandpani Nahak जी कविता की सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद!

Comment by Samar kabeer on November 4, 2019 at 2:36pm

मुहतरमा डॉ. गीता चौधरी जी आदाब, अच्छी कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

'स्मृति शेष, बनी विशेष'

आपकी ये पंक्ति एक वचन में है,और बाक़ी सभी पंक्तियाँ बहुवचन में हैं,इस पंक्ति को  यूँ कर लें तो बाक़ी पंक्तियों का ताल मेल भी ठीक होगा:-

"स्मृतियाँ शेष, बनीं विशेष"

Comment by Usha on November 2, 2019 at 11:39am

आदरणीय सुश्री डॉ गीता चौधरी जी, अति गंभीर भावाव्यक्ति। 'स्मृति शेष, अति विशेष' ख़ूबसूरत व् सटीक शीर्षक। सुन्दर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें। सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service