For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

माँ परियों की रानी है -- डॉo विजय शंकर

मातृ-दिवस पर

माँ
जिसके बिन जन्म नहीं
सुरक्षा है, सुकून है ,
शान्ति हैं ,
ज्ञान है , संस्कृति है ,
एक पूर्ण परिवेश है ,
अबोथ के लिए ,
अपना विश्वकोष है ,
ईश्वर का वरदान है।
नैसर्गिक अधिकार है ,
अमूल्य है, मूल्यरहित
उपहार है.

स्वर्ग में ,
अप्सराएं प्रतीक्षा करतीं हैं ,
स्वर्ग जाने पर मिलती हैं ,
किसने देखा है,
किसने जाना है ?

धरती पर आने पर
सबसे पहले माँ मिलती है,
माँ प्रतीक्षा करती मिलती है ,
महीनों माँ ,
दिन गिनती है,
पल गिनती है,
फिर पल पल गिनती है ,
हर पल पुलकित होती है,
वह किस अप्सरा से कम है ,
वह तो परियों की रानी है ,
उसी से तो परियों की कहानी है ,
ये सबने देखा है,
ये सबने जाना है ।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 559

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 12, 2015 at 8:49pm
आदरणीय विजय निकोर जी, मातृ - दिवस पर प्रस्तुत माँ को समर्पित पंक्तियों को स्वीकृति एवं सम्मान प्रदान कर आपने आभारी बना लिया, सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 12, 2015 at 8:47pm
आदरणीय डॉ o आशुतोष मिश्रा जी, मातृ - दिवस पर प्रस्तुत माँ को समर्पित पंक्तियों को इतने सुन्दर और विस्तृत ढंग से स्वीकृति एवं सम्मान प्रदान कर आपने आभारी बना लिया, सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 12, 2015 at 8:45pm
आदरणीय मोहन सेठी जी, मातृ - दिवस पर प्रस्तुत माँ को समर्पित पंक्तियों को स्वीकृति प्रदान कर आपने आभारी बना लिया, सादर।
Comment by vijay nikore on May 12, 2015 at 4:38pm

 बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति। हार्दिक बधाई, आदरणीय विजय जी।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 12, 2015 at 2:24pm

आदरणीय विजय सर ...

धरती पर आने पर
सबसे पहले माँ मिलती है,
माँ प्रतीक्षा करती मिलती है ,
महीनों माँ ,
दिन गिनती है,
पल गिनती है,
फिर पल पल गिनती है ,
हर पल पुलकित होती है,
वह किस अप्सरा से कम है ,
वह तो परियों की रानी है ,
उसी से तो परियों की कहानी है ,...ये पंक्तियाँ अद्भुत हैं ..भाव पूर्ण ..आपकी सोच को सादर सलाम करते हुए सादर प्रणाम के साथ 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on May 12, 2015 at 11:05am

आदरणीय Dr. Vijai Shanker जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति के लिये बधाई स्वीकार करें ...सादर 

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 12, 2015 at 10:59am
आदरणीय समर कबीर साहब , माँ को मातृ - दिवस पर समर्पित पंक्तियों को आपकी स्वीकृति मिली , आपका आभार. आपकी दाद एवं बधाई के लिए धन्यवाद, सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 12, 2015 at 10:56am
आदरणीय सुश्री तनुजा उप्रेती जी , आपने बिलकुल सही कहा , " मातृत्व को सम्पूर्ण परिभाषित कर पाना संभव नहीं " , पंक्तियों को आपकी स्वीकृति मिली , आपका आभार. धन्यवाद, सादर।
Comment by Samar kabeer on May 12, 2015 at 10:36am
आली जनाब डॉ विजय शंकर जी ,आदाब,माँ को समर्पित रचना को अच्छे शब्दों से सवारा है आपने,दाद के साथ बधाई स्वीकार करें।
Comment by Tanuja Upreti on May 12, 2015 at 10:00am

मातृत्व को सम्पूर्ण परिभाषित करना पाना संभव नहीं  पर उसको काफी हद तक आपने अपनी रचना में चरितार्थ किया है I बधाई आदरणीय I

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
6 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
9 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
9 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
9 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
9 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service