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आधुनिक नेता( किरीट सवैया = भगण X ८)

ताकत झांकत लूटत पाटत,छीनत बीनत नोट फटा फट !
लोगन की परवाह नहीं अरु ,चाट रहे सब देश चटा चट!!
दौड़त भागत घूम रहे अरु, खाइ रहे सब कोष गटा गट !
बन्दर बांट करें फिर झूमत ,आपन लूट बढ़ाइ झटा झट !!


राम शिरोमणि पाठक"दीपक
मौलिक /अप्रकाशित

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Comment by ram shiromani pathak on June 9, 2013 at 11:42am

हार्दिक आभार आदरणीया अनुपमा जी //ऐसे ही स्नेह बनाए रखें //सादर 

Comment by annapurna bajpai on June 9, 2013 at 11:39am

वाह! राम शिरोमणि जी बहुत ही बढ़िया पंक्तियों मे आपने समस्त सार लिख दिया बहुत बधाई इस सुंदर रचना के लिए ।

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 9, 2013 at 11:34am
आदरणीय...राम शिरोमणी जी, सादर आभार...
Comment by ram shiromani pathak on June 9, 2013 at 11:11am

हार्दिक आभार आदरणीय भाई जीतेन्द्र  जी ///सादर 

Comment by ram shiromani pathak on June 9, 2013 at 11:11am

हार्दिक आभार आदरणीया विनीता जी ///सादर 

Comment by ram shiromani pathak on June 9, 2013 at 11:10am

हार्दिक आभार आदरणीया कल्पना जी ///सादर 

Comment by ram shiromani pathak on June 9, 2013 at 11:10am

हार्दिक आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी ///सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 9, 2013 at 12:33am
आदरणीय...ऱाम शिरोमणी जी, बहुत सुंदर रचना, पढ़कर सचमुच ऐसा लगा जैसे नेताओ का चरिञ बहुत फटाफट लिख दिया हो । शुभकामनाऐं

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 8, 2013 at 11:18pm

वाह बहुत मजेदार लिखा प्रिय राम शिरोमणि जी बधाई लो फटाफट इस सच्चाई के लिए 

Comment by Vinita Shukla on June 8, 2013 at 10:48pm

रोचक एवं प्रभावी प्रस्तुति. बधाई.

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