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Rakhee jain
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Jan 30, 2023
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"212/212/212/212 चाहिए और क्या ज़िंदगी के लिए आदमी चार हों रुख़सती के लिए कौन है ये बताओ ज़रा सोचकर आदमी से बुरा आदमी के लिए दिल से निकले है वो चीरकर दर्द को है लहू लाज़मी शायरी के लिए इश्क़ तूने बनाया जुआरी मुझे हारना दिल पड़ा आशिक़ी के…"
Jan 28, 2023
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी हार्दिक आभार आपका सादर नमस्कार आदरणीय"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी आदरणीय दिल से शुक्रिया आपका मैं सुधार करती हूंमार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आपका"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी वाह बहुत सुंदर ग़ज़ल हुई है आदरणीय बधाई स्वीकार कीजिए"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी दिल से शुक्रिया आपका आदरणीया"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी बेहद शुक्रिया आपका आदरणीय"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"मेरे भावों का शब्दों से कोई रिश्ता नहीं रहता अजब मां हूं कोई बच्चा मेरा ज़िंदा नहीं रहता कृपया इसे भी देखिएगा "
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी बेहद शुक्रिया आपका आदरणीय  गिरह फिर से कहने की कोशिश करती हूं कृपया देखिएगा मेरा होकर भी मेरी गोद का हिस्सा नहीं रहता अजब मां हूं कोई बच्चा मेरा ज़िंदा नहीं रहता"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी हार्दिक आभार आपका आदरणीय"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी बेहद शुक्रिया आपका आदरणीय"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी हृदय से आभार आपका आदरणीय"
Dec 29, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी क्या कहने हर एक शेर बेहद ही खूबसूरत बधाई स्वीकार कीजिए खास कर दूसरा और चौथा शेर लाजवाब तीसरे शेर में "नादानियां" की जगह "गुस्ताखियां"पर विचार कीजिएजहां तक मेरी समझ है  सादर"
Dec 28, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"बेहद खूबसूरत गिरह कोई रिश्ता किसी भी हाल में कभी तन्हा नहीं रहता  बेहद ही खूब आदरणीय बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिए"
Dec 28, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी वाह बहुत सुंदर गिरह आदरणीय बधाई स्वीकार कीजिए"
Dec 28, 2022
Rakhee jain replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"जी वाह सुंदर प्रयास आदरणीया बधाई स्वीकार कीजिए"
Dec 28, 2022

Profile Information

Gender
Female
City State
Indore
Native Place
Indore
Profession
Housewife

Rakhee jain's Blog

3 (गज़ल) रात भर

फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन

बह्र - 212 212 212 212

गीत बुलबुल सुनाती रही रात भर

दिलरुबा को रिझाती रही रात भर

भाव ही नींद खाती रही रात भर

उसको मैं बस मनाती रही रात भर

ज़िंदगी से सुना गीत जो सारा दिन

उसको मैं गुनगुनाती रही रात भर

उनकी दिलकश अदा और दीवानगी

सोच मैं मुस्कुराती रही रात भर

तेरी पहली छुअन याद करके सनम

मन ही मन मैं लजाती रही रात भर

चाँद तकने दिया भूख ने कब…

Continue

Posted on November 27, 2022 at 3:00pm — 5 Comments

आवाज़ देती हैं ( ग़ज़ल)

मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन

1222/1222/1222/1222

कहीं भी जाइए रूस्वाइयाँ आवाज़ देती हैं

बुरे कर्मों की सब परछाइयाँ आवाज़ देती हैं

 कभी चिड़िया कभी गुड़िया कभी लख़्त-ए-जिगर कहकर

मुझे रस्मों की सब मजबूरियाँ आवाज़ देती हैं

बुलंदी पर पहुँचता है जो कोई अपनी मिहनत से 

जहाँ भर की उसे शाबाशियाँ आवाज़ देती हैं

भले ही आज होती हैं समानधिकार की बातें

लगी सदियों की सब पाबंदियाँ आवाज़ देती…

Continue

Posted on November 20, 2022 at 5:00pm — 4 Comments

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At 10:21am on April 9, 2024, Erica said…

I need to have a word privately,Could you please get back to me on ( mrs.ericaw1@gmail.com) Thanks.

 
 
 

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"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
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"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
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"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
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"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
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"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
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"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
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"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
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"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
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"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
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