For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दस हाइकु 
***********
जहर धीमा 
परोसते चेनल 
चरम सीमा 
-------------
चपलता है 
तन-मन स्वस्थ है 
सफलता है 
--------------
चेहरा भाव 
मन की परिस्थिती 
हंसते घाव 
--------------
जंगली फूल 
लान  की हरियाली 
क्यूँ प्रतिकूल ?
--------------
बहती नदी 
कटते यूँ किनारे 
यही है बदी !!
-----------
जूनी शराब 
नयी-नयी  बोतल 
देखो शवाब।
------------
पाखंडी बना 
लालच था पैसों का 
शिखंडी बना!!!
---------
पर्वतमाला 
खुद पर दुशाला 
धरा ने डाला।
---------
बोली चिड़िया 
बरगद के तले 
गयी पीढियां 
--------
जागरण है 
सुबह का सूरज 
क्या स्मरण है?
-------------------
अविनाश बागडे 

Views: 635

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 12, 2012 at 6:55pm

धन्यवाद श्री अविनाश जी !

Comment by AVINASH S BAGDE on October 12, 2012 at 6:46pm
 
संदीप पटेल भाई।।।आभार आपके शब्द-बल का 
Comment by AVINASH S BAGDE on October 12, 2012 at 6:46pm
 
अशोक रक्ताले जी ,ह्रदय से आभार।
 
Comment by AVINASH S BAGDE on October 12, 2012 at 6:45pm
शुक्रिया !राजेश कुमारी मेम ..
 
Comment by AVINASH S BAGDE on October 12, 2012 at 6:43pm

आदरणीय योगराज प्रभाकर

आपका समर्थन पा  कर हर्ष हुआ।।।आभार।

Comment by AVINASH S BAGDE on October 12, 2012 at 6:41pm
डॉ . प्राची सिंह मेम 
आपका आभारी हूँ।।
Comment by AVINASH S BAGDE on October 12, 2012 at 6:39pm
लक्षमण लड़ीवाला जी 
प्रकृति से आपका प्रेम देख भला लगा।
Comment by AVINASH S BAGDE on October 12, 2012 at 6:36pm

Er.

अम्बरीश जी।।
बहुत-बहुत आभार आपका।
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 12, 2012 at 5:44pm

पर्वतमाला 
खुद पर दुशाला 
धरा ने डाला।
जागरण है 
सुबह का सूरज 
क्या स्मरण है?
हाइकु के माध्यम से सुंदर चित्र उकेरा है प्रकृति का बहुत बधाई आदरणीय अवनाश एस बागडेजी  

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 12, 2012 at 3:37pm

आ. अविनाश बागडे जी, बहुत बढ़िया हाइकू लिखे है..हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो"
10 minutes ago
Aazi Tamaam commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो"
12 minutes ago
Aazi Tamaam commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो 3 बोझ भारी तले को सुधार की आवश्यकता है"
12 minutes ago
Aazi Tamaam commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय इस बह्र पर हार्दिक बधाई"
17 minutes ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्र इंसान जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
18 minutes ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत शुक्रिया आदरणीय भंडारी जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
19 minutes ago
surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
1 hour ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
1 hour ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरनीय आजी भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service