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फिर कोई दिल मेँ न आया

2122 2122 2122 212

फिर कोई दिल मेँ न आया इक तेरे आने के बाद ।
फिर न कुछ खोया न पाया इक तुझे पाने के बाद ।

हमने देखेँ हैँ तुम्ही मेँ अपने दोनोँ ही जहाँ ,
हम कहाँ जायेगेँ हमदम तेरे ठुकराने के बाद ।

हमनेँ पी आँखोँ से तेरी शोख जामेँ जिन्दगी ,
कोई मधुशाला न देखी तेरे मयखाने के बाद ।

अपने होने की खबर भी दो घडी रहती है अब ,
इक तेरे आने से पहले इक तेरे जाने के बाद ।

दिन गुजारा हमने सारा बस खयालोँ मेँ तेरे ,
और फिर यादोँ की महफिल शाम ढल जाने के बाद ।

मौलिक व अप्रकाशित
नीरज मिश्रा

Views: 500

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Comment by savitamishra on September 24, 2014 at 12:00pm

बहुत सुन्दर ग़ज़ल ......बधाई

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on September 21, 2014 at 2:39pm

आदरणीय मिश्रा जी बहुत अच्छी गजल आपने कही है बधाई

Comment by harivallabh sharma on September 21, 2014 at 1:31pm

मशहूर ग़ज़ल से प्रेरित ...उम्दा गजल....इक तेरे आने से पहले इक तेरे जाने के बाद...बहुत सुन्दर ग़ज़ल बधाई.

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 21, 2014 at 1:11pm

बहुत खुबसूरत गजल. हार्दिक बधाई आदरणीय नीरज जी

Comment by Neeraj Nishchal on September 21, 2014 at 12:26pm
आदरणीय नरेन्द्र जी बहुत बहुत धन्यवाद ।

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