For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चींटियाँ .......'इंतज़ार'

जब तुम गयी हो
तो दिल का भवंरा बेसुध
तेरे दिल के बंद दरवाज़े से
जा टकराया
और गिर पड़ा जमीन पर
होश ना रहा उसको !
जब जागा नींद से
तो बेवफ़ाई की चींटियों ने
था उसे घेरा हुआ
नोच नोच कर खा रहीं थी
मेरे दिल के नादान भंवरे को
घसीटते हुए ले जा रहीं थी
अपनी मांद में
तड़पा था बहुत
कोशिश भी की छुटने की
जालिमों ने मौका न दिया
सोचा.... लोग तो चार कांधों की
आरजू करते हैं
और मुझे चार नहीं
हज़ार कांधे नसीब हुए
और इतना प्यार
कि मरने पर भी
मुझे अपने घर ले गई
देख तेरी बेवफ़ाई की
यूँ जीत कर भी हार हुई.......

*****************************************

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 590

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on April 3, 2015 at 6:48pm
एक अलग दर्शन , अलग तादात्म्य , बधाई , आदरणीय मोहन सेठी जी , सादर।
Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 3, 2015 at 3:52pm

आदरणीय Shyam Mathpal जी आभारी हूँ आप का ...आप लोगों की वजह से ही हौंसले बने रहते हैं ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 3, 2015 at 3:50pm

आदरणीय  krishna mishra 'jaan'gorakhpuri जी आप की टिप्पणी की लिये दिल से आभार ...कलम को उड़ान मिल गई ....सादर  

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 3, 2015 at 3:45pm

आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी प्रसंशा के लिये आभारी हूँ ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 3, 2015 at 3:43pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी हार्दिक आभार ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 3, 2015 at 3:41pm

आदरणीय  डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी पसन्दगी के लिये धन्यवाद ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 3, 2015 at 3:40pm

आदरणीय laxman dhami जी बहुत बहुत धन्यवाद ! सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 3, 2015 at 3:38pm

आदरणीय  somesh kumar जी धन्यवाद ...जी बिलकुल नहीं आप की सौगात को चींटियों के हवाले नहीं करूँगा ....सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 3, 2015 at 3:33pm

आदरणीय Shyam Narain Verma जी आभार 

Comment by Shyam Mathpal on April 2, 2015 at 8:11pm

आदरणीय मोहन सेठी जी,

कैसा दर्द कैसा अंत . बहुत खूब. आपको ढेरों बधाई.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
5 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service