For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

धीरे-धीरे.........(बैजनाथ शर्मा ‘मिंटू’)

अरकान - 122 122 122 122

 

किया जिसने दिल में ही घर धीरे-धीरे|

उसी ने रुलाया मगर धीरे –धीरे|

 

उमर  मेरी  गुजरी है यादों में जिनकी ,

हुई आज उनको खबर धीरे –धीरे |

 

जहाँ तक पहुचने की ख्वाहिश है मेरी,

यकीनन मैं पहुंचूंगा पर धीरे –धीरे|

 

बचपन में सरका जवानी में दौड़ा,

बुढापा गया अब ठहर धीरे-धीरे|

 

न शिकवा किसी से न है अब शिकायत,

भरा घाव मेरा मगर धीरे –धीरे|

 

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 537

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on December 2, 2015 at 11:27pm

आदरणीय रवि शुक्ला साहेब ...... हौसला अफ़जाई व उचित सलाह हेतु, बहुत-बहुत शुक्रया| 

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on December 2, 2015 at 11:24pm

आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी ..........बहुत -बहुत शुक्रिया|

Comment by Ravi Shukla on December 1, 2015 at 12:23pm

आदरणीय बैजनाथ जी सीधी सादी जुबान में आपने अपने जीवन का दर्शन बयान कर दिया बहुत बहुत बधाई आपको इस ग़ज़ल के लिये

जहाँ तक पहुचने की ख्वाहिश है मेरी,

यकीनन मैं पहुंचूंगा पर धीरे –धीरे|  इंशा अल्‍लाह ऐसा ही होगा श्‍ुाभकामनाएं लीजिये हमारी

न शिकवा किसी से न है अब शिकायत,

भरा घाव मेरा मगर धीरे –धीरे|  धीरज को आपने अपने अंदाज से बयान किया है बधाई लीजिये

उमर को आपने 12 के वज्न में बांधा है मगर ये 21 के वज्न में लिखा जाने वाला लफ्ज है देख लीजियेगा ।

Comment by Shyam Narain Verma on November 28, 2015 at 5:43pm
बहुत सुंदर , हार्दिक बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
7 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service