For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

*1222 1221

न बदले गर ये' हालात।
फिर आ जायेगी बरसात।।

भले ही कुछ दिनों बाद
मगर होगी करामात।।

तुम आशिक हो ही' बदनाम
दिखा दी अपनी' औकात।।

मुझे कोई न इतराज़
कभी कर लो मुलाकात।।

करूँ कैसे अब इतिबार,
तुम आये हो अकस्मात।।

किसी से कुछ न अब उम्मीद,
सुनो मेरे खयालात​।।

फ़ना तुझपे दिलो जान
करूँ तो फिर बने बात।।

ज़वानी जोश में आज
न कर बैठे कुछ उत्पात।।

नहीं है 'दीप' मंजूर
करे कोई खुराफ़ात।।

-प्रदीप कुमार पाण्डेय 'दीप'


मौलिक व अप्रकाशित

Views: 398

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by प्रदीप कुमार पाण्डेय 'दीप' on November 15, 2017 at 2:27pm
ज़नाब समर कबीर साहिब!
आद० सुरेन्द्र नाथ सिंह जी!

ग़ज़ल में आपकी शिरकत-ओ-हौसला आफ़ज़ाई के लिए मम्नून-ओ-शुक्रगुज़ार हूँ।
गुज़ारिश है कि इस ग़ज़ल में हुई ख़ामियों पर निशानदेही फ़रमाने की मेहरबानी अता करें।
Comment by नाथ सोनांचली on November 15, 2017 at 1:59pm
आद0 प्रदीप पांडेय जी सादर अभिवादन, ग़ज़ल पर आपके प्रयास की प्रंशसा करता हूँ। ग़ज़ल में शैर भले बिम्ब के सहारे कहे जाएं पर बात निकल कर आनी तो चाहिए, पर आपके शैर में अभी उस तरह के कथ्य का अभाव दिखा, आपके प्रयास की भूरि भूरि तारीफ और शुभकामनाएं। सादर
Comment by नाथ सोनांचली on November 15, 2017 at 1:58pm
आद0 प्रदीप पांडेय जी सादर अभिवादन, ग़ज़ल पर आपके प्रयास की प्रंशसा करता हूँ। ग़ज़ल में शैर भले बिम्ब के सहारे कहे जाएं पर बात निकल कर आनी तो चाहिए, पर आपके शैर में अभी उस तरह के कथ्य का अभाव दिखा, आपके प्रयास की भूरि भूरि तारीफ और शुभकामनाएं। सादर
Comment by Samar kabeer on November 13, 2017 at 3:18pm
जनाब प्रदीप कुमार पाण्डेय'दीप'जी आदाब,ग़ज़ल अभी बहुत समय चाहती है,मंच पर ग़ज़ल की कक्षा का लाभ उठायें,इस प्रयास पर बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
16 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service