मफ़ऊल फ़ाइलातुन मफ़ऊल फ़ाइलातुन
वो प्यार का हमारे, इस्बात चाहते हैं।
बेइंतहा जिन्हें हम, दिन रात चाहते हैं।।
होकर खड़े हुए हैं, बेदार सरहदों पर,
जो अम्न-ओ-चैन वाले, हालात चाहते हैं।।…
Added by प्रदीप कुमार पाण्डेय 'दीप' on February 26, 2018 at 11:00pm — 9 Comments
मुफाइलुन मुफाइलुन मुफाइलुन मुफाइलुन
बिसात-ए-गैर क्या है जब, नदीम कर सका नहीं।
मरीज़-ए-इश्क़ की दवा हकीम कर सका नहीं।।
अदीब से हुए नहीं कुछ एक काम आज तक,
असीर कर गया जिसे फ़हीम कर सका नहीं।।
लिखीं पढ़ीं भले कई, कहानियाँ ज़हान की,
मगर क़सूर क्या रहा अज़ीम कर सका नहीं।।
मिलान चश्म, चश्म और, क़ल्ब, क़ल्ब का हुआ,
कमाल जो हुआ कभी कलीम …
ContinueAdded by प्रदीप कुमार पाण्डेय 'दीप' on February 25, 2018 at 11:11pm — 7 Comments
अरकान: फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
जब उठी उनकी नज़र, इफ़रात घर जलने लगे।
ख़ुद नहीं हमको ख़बर, किस बात पर मरने लगे।।
आपकी काबिल मुहब्बत, सीख हमको दे गई,
राह में आईं अगर, आफा़त हर सहने लगे।।
यह ज़मीं ज़न्नत नज़र आएगी इक दिन खुद-ब-खुद,
बाप-माँ की हर बशर ख़िदमात गर करने लगे।।
मिल गई इक बार अब नुसरत उसे फिर से वहाँ,
आजकल वो ज़र जिधर ख़ैरात कर चलने…
Added by प्रदीप कुमार पाण्डेय 'दीप' on February 22, 2018 at 11:00pm — 4 Comments
Added by प्रदीप कुमार पाण्डेय 'दीप' on January 30, 2018 at 2:48pm — 11 Comments
बेखब़र क्यों हो गया तू? हो गया अनजान क्यों?
ज़िंदगी तुझ पर ये दिल भी, कर गया कुरबान क्यों?
बेबसी कुछ भी नहीं थी, जिंदगी के दरमियाँ,
चार दिन का बन गया फिर, तू मिरा महमान क्यों?
पूछती है हाल …
ContinueAdded by प्रदीप कुमार पाण्डेय 'दीप' on December 1, 2017 at 8:30pm — 4 Comments
*1222 1222 1222 122*
ज़माना फिर न जाने क्यों ख़फ़ा होने लगा है।
मुहब्बत भी निभाना अब सज़ा होने लगा है।।
कभी वादे किये जिसने कसम खाकर ख़ुदा की,
वही फिर अब न जाने क्यों ज़ुदा होने लगा है।।
वहाँ पर हाल कैसा है, वही बस जान पाया,
यहाँ पर ज़ख़्म, ज़ख़्मों की दवा होने लगा है।।
समझ बैठा था' तुमको मैं, मुहब्बत का समंदर,
गुमाँ मेरा यहाँ आकर, रफ़ा होने लगा है।।
मुहब्बत का हमेशा ही यही अंज़ाम होता,
शमा से…
ContinueAdded by प्रदीप कुमार पाण्डेय 'दीप' on November 17, 2017 at 5:30pm — 14 Comments
Added by प्रदीप कुमार पाण्डेय 'दीप' on November 15, 2017 at 3:34pm — 17 Comments
Added by प्रदीप कुमार पाण्डेय 'दीप' on November 11, 2017 at 10:50pm — 4 Comments
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